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ये है रक्षा बंधन का शुभ महूरत, इस मंत्र का करें उच्चारण होगा लाभ

इस मंत्र का करें उच्चारण येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल: तेन त्वामनुबध्नामि रक्षे मा चल मा चल: अर्थात – जिस प्रकार राजा बलि में रक्षा सूत्र से बंधकर विचलित हुए बिना अपना सब कुछ दान कर दिया, उसी प्रकार हे रक्षा! आज मैं तुम्हें बांधता हूं, तू भी अपने उद्देश्य से विचलित न होना …

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क्या है जन्माष्टमी का महत्व ? जानिए श्री कृष्ण के बारे मैं कुछ रोचक बातें

जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव को मनाया जाता है| अष्टमी तिथि का महत्व इसलिये है क्योंकि वह वास्तविकता के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष स्वरूपों में सुन्दर संतुलन को दर्शाता है| भगवान श्रीकृष्ण का अष्टमी तिथि के दिन जन्म होना यह दर्शाता है कि वे आध्यात्मिक और सांसारिक दुनिया में पूर्ण रूप से परिपूर्ण थे …

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हम रक्षा बंधन क्यों मनाते हैं, क्या है इस त्यौहार का महत्व ?

रक्षाबंधन भाई बहनों का त्योहार है जो मुख्यत: हिन्दुओं में प्रचलित है पर इसे भारत के सभी धर्मों के लोग समान उत्साह और भाव से मनाते हैं। पूरे भारत में इस दिन का माहौल देखने लायक होता है। हिन्दू श्रावण मास (जुलाई-अगस्त) के पूर्णिमा के दिन मनाया जाने वाला यह त्योहार भाई का बहन के …

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गुरु पूर्णिमा पर चन्द्र ग्रहण के दौरान कब करें गुरु की पूजा ?

भारत में गुरु शिष्य संस्कृति काफी समय से हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा रही है |और आगे भी बनी रहेगी | ताकि यह संस्कृति बनी रहे इसीलिए आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा का नाम दिया गया है । यह माना जाता है कि इसी दिन वेद व्यास जी ने वेदों का संकलन …

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जानिए क्या हैं ओपल रत्न पहनने के फायेदे ?

आपने ओपल रत्न के बारे में ज़रूर सुना होगा. क्या आपको पता है की यह रत्न पहन्ने से क्या होता है? ओपल संस्कृत शब्द ‘अपुला’ से लिया गया है जिसका अर्थ है एक कीमती पत्थर। यह रत्न धन, सौंदर्य, सुंदरता और आकर्षण का रत्न माना जाता है। यह पहनने वाला काफी अच्छा जीवन जीता है …

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कैसे हुआ था भगवान शिव का जन्म ?

भगवान शिव पवित्र तीनों देवताओं में एक महत्वपूर्ण स्थिति रखते है। जबकि भगवान ब्रह्मा एक निर्माता की भूमिका निभाते हैं और भगवान विष्णु प्रिज़ेर्वेर की भूमिका निभाते हैं, भगवान शिव, अनिवार्य रूप से विनाशक है। इसके मुताबिक जो भी चीज़ बनायीं जाती है वह नष्ट हो जाएगी | कई पूराण मानते हैं कि भगवान ब्रह्मा …

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क्या है पंचक ? क्यों वर्जित है इस दौरान शुभ कार्य ?

ज्योतिष में पंचक को शुभ नक्षत्र नहीं माना जाता है। इसे अशुभ और हानिकारक नक्षत्रों का योग माना जाता है। नक्षत्रों के मेल से बनने वाले विशेष योग को पंचक कहा जाता है। जब चन्द्रमा, कुंभ और मीन राशि पर रहता है, तब उस समय को पंचक कहते हैं। इसी तरह घनिष्ठा से रेवती तक …

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बटुक भैरव जयंती – होम कर के होंगे अनेक फायदे

आज श्री बटुक भैरव की जयंती है। दरअसल भैरव के तीन रूप हैं- बटुक भैरव, स्वर्णाकर्षण भैरव और काल भैरव। इनमें से बटुक भैरव सतोगुणी हैं। बटुक भैरव शराब नहीं पीते, इन्हें बेसन के लड्डू का भोग लगता है। इनकी साधना से व्यक्ति को हर तरह के सुख-साधन प्राप्त होते हैं। साथ ही अज्ञात भय …

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धूमावती जयंती – कैसे आप हर काम सिद्धि प्राप्त कर सकते हैं ?

आज दस महाविद्याओं में से एक देवी धूमावती की जयंती है। ये तंत्र मंत्र की देवी हैं। इनकी उपासना से किसी भी शत्रु का नाश किया जा सकता है और शत्रुओं से छुटकारा पाया जा सकता है। आज के दिन देवी धूमावती के मंत्र का जाप करके आप अपने किसी भी काम में सिद्धि प्राप्त …

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विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस – 15 जून

भारतीय समाज में बुजुर्गों का हमेशा सम्मानीय स्थान रहा है परन्तु बीते कुछ दशकों की हेल्पेज इंडिया की रिपोर्ट से पता चला है कि उसमें धीरे-धीरे कमी आ रही है | बुजुर्गों के अनुभवों को बहुत कीमती समझने वाला समाज आज इनके प्रति बुरा बर्ताव करने लगा है | जिसका मुख्या कारण भारतीय संस्कृति और …

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