
ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को माँ धूमावती जयंती (Maa Dhumavati Jayanti 2019) मनाई जाती है | इस बार यह जयंती 10 जून, 2019 के दिन मनाई जायेगी | माना जाता है की माँ धूमावती की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और इनके दर्शन से संतान और पति की रक्षा होती है | एक परम्परा के अनुसार इस दिन सुहागिनें धूमावती माता की पूजा नही करती बल्कि दूर से ही दर्शन करती हैं |
माँ धूमावती कथा
कथा के अनुसार एक समय देवी पार्वती को बहुत तेज भूख लगती है | देवी अपनी भूख शांत करने के लिए शिव जी से भोजन मांगती हैं | शिव जी देवी से थोड़ा इंतज़ार करने के लिए कहते हैं ताकि वे भोजन का प्रबंध कर सके | कुछ समय तक भोजन की व्यवस्था नही हो पाती लेकिन भूख की वजह से देवी पार्वती शिव जी को ही निगल जाती है | शिव जी के कंठ में विष होने के कारन देवी के मुख से धुआ निकलने लगता है | तब शिव जी की माया द्वारा वे पार्वती से कहते हैं, धूम्र से व्याप्त शरीर के कारण तुम्हारा एक नाम धूमावती होगा | तुमने जब मुझे खाया तब विधवा हो गई अत: अब तुम इस वेश में ही पूजी जाओगी |
धूमावती माँ का स्वरुप एक विधवा का है और इनकी सवारी कौवा है | यह माता पापियों को दंडित करती हैं |
पूजा विधि
सुबह स्नान आदि से निवृत होकर, सफेद वस्त्र धारण करें | फिर पूजा स्थल को गंगाजल से पवित्र कर जल, पुष्प, सिन्दूर, कुमकुम, अक्षत, फल, धूप, दीप तथा नैवैद्य से माता का पूजन करें | फिर बैठकर महाविद्या का पाठ करें |
माँ धूमावती जयंती (Maa Dhumavati Jayanti 2019) के दिन किये जा सकने वाले उपाय या जीवन की एनी कोई परेशानी का समाधान जानने के लिए आप आचार्य इंदु प्रकाश जी से भी मिल सकते हैं |
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