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अष्टम नवदुर्गा: माता महागौरी नवरात्रि के आठवें दिन माँ महागौरीजी की पूजा करी जाती है। मान्यताओं के अनुसार भगवान् शिव जी की तपस्या करते हुए माँ का शरीर धूल भरा हो गया | यह देख शिव जी बहुत ही प्रसन्न...
छठा नवदुर्गा : देवी कात्यायनी नवरात्रि के छठे दिन माँ कात्यायनी की आराधना की जाती है। महर्षि कात्यायन की कठिन तपस्या के फल स्वरुप में माँ ने कात्यायन के घर जन्म लिया जिसके कारण माता रानी का नाम...
स्कंदमाता रानी की चार भुजाएं हैं जिनमें से माता रानी ने अपने दो हाथों में कमल का फूल पकड़ा हुआ है। उनकी एक भुजा ऊपर की ओर उठी हुई है, जिससे माता रानी भक्तों को आशीर्वाद देती हैं और एक हाथ से उन्होंने...
चतुर्थी नवदुर्गा: माता कूष्मांडा नवरात्र के चौथे दिन माँ कुष्मांडा की आराधना की जाती है। अपनी छोटी सी हसी से ब्राह्मण की रचना करने के कारण माता का नाम कुष्मांडा पड़ा। माँ कुष्मांडा की 8 भुजाये है जिसके...
माँ दुर्गा जी का तीसरा स्वरुप माँ चंद्रघंटा है। माता चंद्रघंटा के मस्तक पर घंटा के आकार का आधा चंद्र है जिसके कारण इन्हे चंद्रघंटा के नाम से जाना जाता है। माना जाता है कि माता के घंटे से सभी दुष्ट...
द्वितीय नवरात्र : माता ब्रह्मचारिणी नवरात्री में माता रानी के नौ स्वरुपों में दूसरा स्वरुप है माँ ब्रह्मचारिणी। माँ ब्रह्मचारिणी जी का विवाह शिव जी से होने के कारण माता रानी का नाम ब्रह्मचारिणी पड़ा।...
पहला नवरात्र : माता शैलपुत्री नवरात्री में माता जी के नौ स्वरूपों में पहला स्वरुप है माँ शैलपुत्री। हिमालय के घर पुत्री स्वरुप जन्म लेने के कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ा। नवरात्री में माँ शैलपुत्री को...
नवरात्री हिन्दुओ का पर्व है जिसमे माँ दुर्गा जी के प्रति आस्था प्रकट की जाती है, नवरात्री का अर्थ है नौ राते, इन नौ रातो में भक्त पुरे मन से देवी शक्ति (लक्ष्मी, सरस्वती, दुर्गा) के नौ रूपों की उपासना...
नौ ज्योतिषीय रत्नों में से नीलम सबसे प्रभावी और सबसे जल्दी असर करने वाला रत्न हैं। नीलम रत्न धारण वालो के लिए नीलम रत्न धन में लाभ, समस्या का समाधान, अप्रत्याशित लाभ आदि के साथ तुरंत प्रभाव दिखाता है।...