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नवरात्र के दूसरे दिन करें मां ब्रह्मचारिणी का पूजन

चैत्र नवरात्रि का दूसरा दिन – मां ब्रह्मचारिणी पूजा

चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा के द्वितीय स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना की जाती है। मां का यह स्वरूप अनंत फल प्रदान करने वाला माना जाता है। जो भक्त श्रद्धा से मां ब्रह्मचारिणी की आराधना करता है, उसे हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है। साथ ही, उसके भीतर संयम, धैर्य और कठिन परिश्रम करने का साहस भी बढ़ता है।

मां ब्रह्मचारिणी श्वेत वस्त्र धारण किए रहती हैं। उनके दाहिने हाथ में जपमाला और बाएं हाथ में कमंडल होता है। मान्यता है कि नारद जी के उपदेश पर मां ब्रह्मचारिणी ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कठोर तपस्या की थी। इसी कारण इन्हें तपश्चारिणी भी कहा जाता है।

कई हजार वर्षों तक उन्होंने केवल बेलपत्र खाकर भगवान शिव की आराधना की और बाद में पत्तों का सेवन भी त्याग दिया। उनके इस कठिन तप से हमें यह शिक्षा मिलती है कि जीवन में परिश्रम, संयम और दृढ़ निश्चय से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। मां ब्रह्मचारिणी हमें कभी हार न मानने और सदैव प्रयासरत रहने की प्रेरणा देती हैं।

माँ का मंगल ग्रह पर आधिपत्य है, तो माता के इस स्वरुप की पूजा करने से आप मंगल के समस्त दोषों से निजाद भी पा सकते हैं | नवरात्र (Navratra) के दूसरे दिन मंगल दोष से युक्त व्यक्ति मंगल यंत्र (Mangal Yantra) धारण कर सकते है | अगर आपको मंगल यंत्र प्राप्त करना है तो आप Astro-e-Shop वेबसाइट पर भी प्राप्त कर सकते हैं | इस वेबसाइट पर आपको सही नक्षत्रों में बने यंत्र, रुद्राक्ष और रत्न मिलते है |
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