दुर्गा अष्टमी 2025: हिंदू धर्म में नवरात्रि का पर्व अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली माना जाता है, जिसमें दुर्गा अष्टमी का विशेष महत्व है। यह दिन मां दुर्गा के अष्टम स्वरूप की आराधना के लिए समर्पित होता है। 2025 में आने वाली दुर्गा अष्टमी ज्योतिषीय दृष्टि से भी एक दुर्लभ संयोग लेकर आ रही है, जो हर जातक की राशि (Horoscope) पर अलग-अलग प्रभाव डालेगी।
इस लेख में प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य आचार्य इंदु प्रकाश जी के मार्गदर्शन में जानेंगे — दुर्गा अष्टमी 2025 की शुभ तिथि, पूजा की विधि, महत्व, और आपकी राशि के अनुसार इस दिन का ज्योतिषीय प्रभाव।
दुर्गा अष्टमी क्या है?
दुर्गा अष्टमी, जिसे महाअष्टमी भी कहा जाता है, शारदीय नवरात्रि का आठवां दिन होता है। इस दिन मां दुर्गा के चामुंडा या महागौरी स्वरूप की विशेष पूजा की जाती है। यह दिन असुरों पर देवी दुर्गा की विजय की स्मृति में मनाया जाता है। मान्यता है कि इसी दिन देवी ने चंड-मुंड राक्षसों का संहार किया था।
यह केवल धार्मिक अनुष्ठानों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दिन आध्यात्मिक उन्नति और ज्योतिषीय शुद्धि का उत्तम अवसर भी प्रदान करता है।

दुर्गा अष्टमी 2025: तिथि और मुहूर्त
- तिथि: बुधवार, 1 अक्टूबर 2025
- अष्टमी तिथि आरंभ: 1 अक्टूबर, 2025 को 12:10 AM
- अष्टमी तिथि समाप्त: 2 अक्टूबर, 2025 को 01:25 AM
- संधि पूजन मुहूर्त: 1 अक्टूबर, दोपहर 12:30 से 1:18 तक
- कन्या पूजन का समय: प्रातःकालीन ब्रह्म मुहूर्त श्रेष्ठ रहेगा
इस बार अष्टमी बुधवार को आ रही है जो कि बुध ग्रह का दिन है — बुध का संबंध बुद्धि, वाणी और व्यापार से होता है। ऐसे में मां दुर्गा की आराधना के साथ-साथ बुध से संबंधित दोषों की शांति के लिए भी यह दिन सर्वोत्तम है।
दुर्गा अष्टमी की पूजा विधि
पूजन सामग्री:
- लाल वस्त्र व चुनरी
- अक्षत, रोली, मौली
- पुष्प, दीपक, धूप
- नारियल, फल, मिठाई
- 9 कन्याओं के लिए भोजन एवं उपहार
पूजन प्रक्रिया:
- प्रातः स्नान कर स्वच्छ लाल वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थान की शुद्धि करें और मां दुर्गा की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- गंगाजल से कलश स्थापन कर उसमें नारियल रखें।
- दीप प्रज्वलित करें और दुर्गा सप्तशती या चंडी पाठ करें।
- मां को चुनरी, सिन्दूर, पुष्प और भोग अर्पित करें।
- 9 कन्याओं को भोजन कराकर उन्हें उपहार दें।
- संधि काल में विशेष हवन या दुर्गा कवच का पाठ करें।

आचार्य इंदु प्रकाश जी के अनुसार, यदि व्यक्ति इस दिन अपने जन्मपत्रिका अनुसार विशेष उपाय करे तो जीवन की कई बाधाएं सरल हो सकती हैं।
दुर्गा अष्टमी और आपकी राशि: राशिफल 2025
हर राशि पर दुर्गा अष्टमी का अलग प्रभाव होता है। आचार्य इंदु प्रकाश जी के अनुसार इस दिन का फल ग्रहों की स्थिति पर भी निर्भर करता है। आइए जानते हैं 2025 की दुर्गा अष्टमी पर आपकी राशि को क्या करना चाहिए।
मेष (Aries)
आज का दिन साहस और आत्मबल को जाग्रत करेगा। किसी बड़े निर्णय के लिए उत्तम समय है। हनुमान चालीसा और दुर्गा कवच का पाठ करें।
वृषभ (Taurus)
आर्थिक मामलों में लाभ की संभावना है। देवी को दूध और चावल से बनी खीर का भोग लगाएं। कन्या पूजन अवश्य करें।
मिथुन (Gemini)
बुध ग्रह के कारण संचार और करियर में प्रगति होगी। गायत्री मंत्र और दुर्गा सप्तशती का अंश पाठ करें।
कर्क (Cancer)
परिवार में शांति बनी रहेगी। माता के साथ संबंध मधुर होंगे। देवी को नारियल और कमल का फूल चढ़ाएं।
सिंह (Leo)
राजयोग के योग बन सकते हैं। यदि शत्रु बाधाएं हैं तो मां चामुंडा की पूजा करें। नींबू का दीपक जलाएं।
कन्या (Virgo)
आज बौद्धिक क्षमता और निर्णय लेने की शक्ति बढ़ेगी। दुर्गा कवच और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।
तुला (Libra)
वैवाहिक जीवन में सामंजस्य बना रहेगा। दुर्गा सप्तशती के मध्यम अध्याय का पाठ करें।
वृश्चिक (Scorpio)
रहस्यमयी विषयों में रुचि बढ़ेगी। रात्रि में देवी की उपासना विशेष लाभ देगी। “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे” मंत्र का जप करें।
धनु (Sagittarius)
भाग्य का साथ मिलेगा, उच्च शिक्षा व यात्रा के योग बन रहे हैं। देवी को पीले वस्त्र अर्पित करें।
मकर (Capricorn)
करियर में सफलता के संकेत हैं। दुर्गा सप्तशती के उत्तर अध्याय का पाठ करें और गरीबों को अन्नदान करें।
कुंभ (Aquarius)
सामाजिक कार्यों में सफलता मिलेगी। कन्या पूजन करें और चंद्रमा के मंत्रों का जप करें।
मीन (Pisces)
आध्यात्मिकता की ओर झुकाव रहेगा। चंडी पाठ या दुर्गा सहस्त्रनाम का पाठ करें।
🕉 विशेष उपाय: आचार्य इंदु प्रकाश जी के सुझाव
आचार्य इंदु प्रकाश जी के अनुसार यदि व्यक्ति दुर्गा अष्टमी पर अपनी कुंडली अनुसार कुछ विशेष उपाय करता है तो जीवन की कई बाधाएं दूर हो सकती हैं।

विशेष उपाय:
- राहु-केतु दोष: मां चामुंडा की मूर्ति के सामने नीले पुष्प अर्पित करें।
- शनि की पीड़ा: शनि के साथ दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
- विद्या में बाधा: दुर्गा सप्तशती के कवच, कीलक और अर्गला स्त्रोत का पाठ करें।
- स्वास्थ्य समस्या: मां दुर्गा को लाल चंदन और सिंदूर अर्पित करें।
इन उपायों को आचार्य इंदु प्रकाश जी की देखरेख में करवाना अत्यंत लाभकारी सिद्ध होता है।
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निष्कर्ष
दुर्गा अष्टमी 2025 केवल एक तिथि नहीं है, बल्कि यह एक ज्योतिषीय द्वार है, जिससे गुजर कर हम अपने जीवन को सकारात्मकता और सफलता की ओर ले जा सकते हैं। मां दुर्गा की आराधना और अपनी कुंडली के अनुसार उपाय करने से बाधाएं दूर होती हैं और आत्मबल की प्राप्ति होती है।
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