मंगल दोष: मंगल ग्रह को ज्योतिष में ऊर्जा, साहस, पराक्रम और संघर्ष का कारक माना जाता है। जब यह किसी व्यक्ति की कुंडली में अशुभ स्थिति में होता है, तो दोष उत्पन्न करता है। यह दोष मुख्य रूप से वैवाहिक जीवन, करियर, स्वास्थ्य और पारिवारिक सुख में बाधाएं उत्पन्न कर सकता है।
यदि आपकी कुंडली में दोष है, तो घबराने की आवश्यकता नहीं है। उचित उपायों से इसे शांत किया जा सकता है। इस ब्लॉग में हम आपको मंगल के प्रभाव, कारण और निवारण के उपायों की विस्तृत जानकारी देंगे। साथ ही, AcharyaInduPrakash.com से अपनी कुंडली बनवाकर अपने मंगल दोष का सही समाधान जानें।
मंगल दोष क्या होता है?
जब मंगल ग्रह पहले, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव में स्थित होता है, तो इसे मंगल दोष या मांगलिक दोष कहा जाता है। यह दोष विवाह में देरी, वैवाहिक जीवन में तनाव, दांपत्य जीवन में कलह, स्वास्थ्य समस्याएं, आर्थिक कठिनाइयां और अचानक दुर्घटनाओं का कारण बन सकता है।
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मंगल दोष के कारण
1. कुंडली में मंगल की स्थिति
यदि मंगल अशुभ भावों में स्थित होता है या शत्रु ग्रहों से प्रभावित होता है, तो यह व्यक्ति के जीवन में नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
2. पिछले जन्मों के कर्मों का प्रभाव
ज्योतिष के अनुसार, मंगल दोष कभी-कभी पिछले जन्मों के बुरे कर्मों का परिणाम भी होता है।
3. मंगल की महादशा या अंतर्दशा
जब किसी जातक की कुंडली में मंगल की महादशा या अंतर्दशा चलती है, तो वह उसके जीवन में कठिनाइयों को जन्म दे सकती है।
4. परिवार में अस्थिरता
यदि परिवार में माता-पिता के बीच अक्सर झगड़े होते हैं या पारिवारिक कलह रहता है, तो यह भी मंगल का संकेत हो सकता है।
मंगल दोष के प्रभाव
विवाह में देरी या बाधाएं – मंगल दोष वाले जातकों को विवाह में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
दांपत्य जीवन में कलह – पति-पत्नी के बीच लगातार झगड़े और मानसिक तनाव बना रहता है।
आर्थिक परेशानियां – धन की हानि, व्यापार में असफलता और आर्थिक अस्थिरता बढ़ सकती है।
स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं – मंगल से सिरदर्द, रक्तचाप, चोट लगने की संभावना अधिक होती है।
अचानक दुर्घटनाएं – मंगल ग्रह उग्रता का प्रतीक है, इसलिए मंगल दोष वाले लोगों को दुर्घटनाओं का खतरा अधिक रहता है।
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मंगल दोष निवारण के उपाय
1. विशेष मंत्रों का जाप करें
ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः मंत्र का 108 बार जाप करें।
हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का नियमित पाठ करें।
मंगलवार के दिन मंगल बीज मंत्र का जाप करें।
2. हनुमान जी की उपासना करें
हनुमान जी मंगल ग्रह के प्रभाव को शांत करते हैं।
हर मंगलवार को हनुमान मंदिर में प्रसाद चढ़ाएं और बजरंग बाण का पाठ करें।
हनुमान जी को चोला चढ़ाएं और लाल फूल अर्पित करें।
3. मंगल ग्रह के अनुकूल चीजों का दान करें
मंगलवार को लाल मसूर की दाल, गुड़, लाल चंदन, लाल वस्त्र और तांबे का दान करें।
अनाथ बच्चों और जरूरतमंदों को भोजन कराना शुभ होता है।
4. रत्न धारण करें
मूंगा (Red Coral) रत्न धारण करने से मंगल के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
यह रत्न सोने या तांबे की अंगूठी में मंगलवार को धारण करें।
रत्न धारण करने से पहले AcharyaInduPrakash.com से परामर्श लें।
5. ग्रह शांति यज्ञ और अनुष्ठान करें
कुंडली में मंगल की स्थिति को समझकर विशेष यज्ञ और पूजन करवाना लाभकारी होता है।
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6. मंगल ग्रह के अनुकूल वस्तुएं पहनें
लाल रंग के कपड़े और लाल चंदन का तिलक शुभ होता है।
तांबे के बर्तन में पानी पीना भी मंगल को शांत करता है।
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निष्कर्ष
दोष यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में होता है, तो वह उसके जीवन में कई परेशानियां ला सकता है। लेकिन सही उपायों और ज्योतिषीय परामर्श से इसे दूर किया जा सकता है। हनुमान जी की आराधना, मंत्र जाप, दान और विशेष यज्ञ करने से मंगल ग्रह के नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है।
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