April 23, 2018

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अशून्यशयन व्रत- सुखी विवाहित जीवन कैसे जियें

हम साथ रहेंगे  जीवन में जितनी जरूरत स्त्री को पुरुष की होती है उतनी ही जरूरत पुरुष को स्त्री की होती है । स्त्रियां पुरुषों की लम्बी उम्र के लिए करवा चैथ का व्रत रखती हैं, ठीक वैसे ही पुरुषों को अपने जीवन-साथी की लम्बी उम्र सुनिश्चित करने के लिए अशून्यशयन द्वितीया का व्रत करना […]

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क्या है गुरु पूर्णिमा का महत्व

गुरु कुम्हार शिष कुंभ है, गढ़ि-गढ़ि काढै़ खोट अंतर हाथ सहार दै, बाहर बाहै चोट ।। हमारा भारत देश अनेक परंपराओं का साक्षी रहा है । इन्हीं परंपराओं में से एक है गुरु-शिष्य परंपरा । प्राचीनकाल से ही भारत देश महान गुरु और उनके शिष्यों की जन्मस्थली रहा है । गुरु भारतीय संस्कृति का एक

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चातुर्मास में नहीं होंगे शुभ कार्य

आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी होती है । देवशयनी एकादशी को हरिशयनी, पद्मनाभा तथा प्रबोधनी के नाम से भी जाना जाता है । भविष्य पुराण, पद्म पुराण तथा श्रीमद्भागवत पुराण के अनुसार हरिशयन को योगनिद्रा एकादशी भी कहा गया है । इसी दिन से चातुर्मास का आरंभ माना गया है

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बगलामुखी जंयती पर शत्रुओं से छुटकारा पाने के लिए

बगलामुखी जंयती आज वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है। आज के दिन देवी बगलामुखी का अवतरण दिवस माना जाता है। देवी बगलामुखी दस महाविद्याओं में से एक हैं। इनकी उत्पत्ति सौराष्ट्र के हरिद्रा नामक सरोवर से मानी जाती है। मां बगलामुखी को शत्रुनाश की देवी कहा जाता है। इनकी नजरों से कोई

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