बगलामुखी जंयती पर शत्रुओं से छुटकारा पाने के लिए

बगलामुखी जंयती

आज वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है। आज के दिन देवी बगलामुखी का अवतरण दिवस माना जाता है।

देवी बगलामुखी दस महाविद्याओं में से एक हैं। इनकी उत्पत्ति सौराष्ट्र के हरिद्रा नामक सरोवर से मानी जाती है। मां बगलामुखी को शत्रुनाश की देवी कहा जाता है। इनकी नजरों से कोई शत्रु नहीं बच सकता। साथ ही अनेक ग्रन्थों में आप जिस ब्रह्मास्त्र विद्या के प्रयोग के बारे में सुनते हैं, वह ब्रह्मास्त्र विद्या कुछ और नहीं, बल्कि देवी बगलामुखी ही हैं।

अतः शत्रुओं से छुटकारा पाने के लिये, किसी को अपने वश में करने के लिये या कोर्ट-कचहरी आदि किसी भी तरह के कार्य में अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिये माता बगलामुखी की कृपा रामबाण है और उनकी उपासना के लिये आज का दिन बहुत ही श्रेष्ठ है। आज के दिन बगलामुखी के विशेष 36 अक्षरों के मंत्र का जाप करना चाहिए और उनके यंत्र की स्थापना करनी चाहिए।

 

मंत्रमहोदधि के अनुसार देवी बगलामुखी का 36 अक्षरों का मंत्र:

“ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा ।”

बगलामुखी यंत्र:

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