भाई और बहन का रिश्ता सबसे जुदा और मजबूत माना गया है। भाई दूज और रक्षाबंधन जैसे पर्व इस बंधन को और भी ज्यादा मजबूत बना देते हैं। दीवाली के दूसरे दिन के बाद अधिकतर घरों में भाई दूज मनाने की परंपरा होती है। भाईदूज में हर बहन कुमकुम एवं अक्षत से अपने प्यारे भाई के माथे पर तिलक लगाती है और उसके उज्जवल भविष्य के लिये आर्शिवाद देती है। इसके बाद भाई अपनी बहन को पैसे या कोई उपहार देता है।
क्या है भाई दूज की मान्यता –
भाई दूज भारत का एक प्रमुख त्योहार है जब बहने अपने भाइयों के लिए लंबी आयु और खुशहाल जीवन के लिए भगवान से प्रार्थना करती है। बहने इस दिन भाइयों की पूजा करती है और टिका लगाती है। इसके साथ-साथ बहने भाइयों से उपहार लेती हैं। इसे अलग अलग राज्य में अलग अलग नामो से जाना जाता है गोवा, महाराष्ट्र और कर्नाटक में भाई बीज, नेपाल में भाई टीका, बंगाल में भाउ-दीज, भाई फोटा और मणिपुर में निंगोल चकबा के रूप में मनाया जाता है।
भाई दूज, भाई-बहन के अटूट प्रेम और स्नेह का प्रतीक माना जाता है, जिसे यम द्वितीया या भैया दूज भी कहते हैं। यह हिन्दू धर्म के प्रमुख त्यौहारों में से एक है, जिसे कार्तिक माह की शुक्ल द्वितीया को मनाया जाता है।
भाई दूज मुहूर्त –
भाई दूज के दिन तिलक लगाने का शुभ समय दिन में 01 बजकर 09 मिनट से 03 बजकर 17 मिनट तक का है।
भाई दूज पूजा विधि –
भाई दूज के दिन बहनेभाइयो के माथे पर टीका लगाती है और भाइयो की लंबी उम्र की कामना करती है। इस दिन उठकर सुबह स्नान आदि करने के बाद विष्णु और गणेश जी की पूजा करे। पूजा करने के बाद भाई को तिलक लगाये।
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