देव दीपावली 2023: जानिए शुभ मुहूर्त और महत्व

देव दीपावली 2023: जानिए शुभ मुहूर्त और महत्व

देव दीपावली 2023: भारत में मनाया जाने वाला एक ऐतिहासिक त्योहार है जिसे विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक आयामों में मनाया जाता है। यह त्योहार खुशी, उत्साह, और आत्मघाती विचारों को पिछले साल का समापन करता है और नए उद्यमों की शुरुआत करता है। वास्तविक उत्सव का आयोजन होता है दीपावली के दिन, लेकिन इसके बाद भी विभिन्न राज्यों और समुदायों में कई उपत्योहार उत्सव होते हैं, जिनमें देव दिवाली एक महत्वपूर्ण त्योहार है। इस ब्लॉग में, हम देव दिवाली 2023 के शुभ मुहूर्त और इसके महत्व के बारे में जानेंगे।

हमने बेहद उत्साह के साथ दिवाली मनाई है और देव दीपावली 2023 मनाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। हाँ! यह प्रसिद्ध उत्सव हर साल पवित्र शहर वाराणसी में मनाया जाता है। देव दिवाली के रूप में भी जाना जाने वाला यह उत्सव राक्षस त्रिपुरासुर पर भगवान शिव की विजय का उत्सव है। इसलिए, इस दिन को त्रिपुरारी पूर्णिमा या त्रिपुरोत्सव के रूप में भी जाना जाता है और यह कार्तिक पूर्णिमा की तिथि पर होता है। यह गंगा महोत्सव के अंतिम दिन के साथ भी मेल खाता है जो प्रबोधिनी एकादशी से शुरू होता है।

देव दिवाली 2023: एक अद्वितीय पर्व

परंपरागत और आध्यात्मिक महत्व

देव दिवाली, वाराणसी में मनाया जाता है और यह त्योहार विश्व में अपनी विशेषता के लिए प्रसिद्ध है। यह त्योहार अमवास्या को मनाया जाता है और कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष को आता है। देव दिवाली का आयोजन अपने प्राचीन और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। यह त्योहार भगवान शिव के नंदिष्टुति के रूप में जाना जाता है जिसे उनके भक्त विशेष भक्ति और समर्पण के साथ मनाते हैं।

परंपरागत और आध्यात्मिक महत्व
परंपरागत और आध्यात्मिक महत्व

शुभ मुहूर्त

इस वर्ष, देव दिवाली 2023 का आयोजन 26 नवंबर को होगा। यह तिथि अमावस्या को पड़ने वाली है और पूरे भारत में देव दिवाली का उत्सव विशेष आनंद और धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। वाराणसी, उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है और इसे देव दिवाली के अवसर पर भगवान विश्वनाथ की दिव्यता में लिपटे अनगिन्तुकोटि देवताओं का नगर भ्रमण करने का अद्वितीय अवसर माना जाता है।

देव दिवाली 2023 तिथि और समय

  • देव दीपावली तिथि: 27 नवंबर 2023, सोमवार
  • पूर्णिमा तिथि प्रारंभ– 26 नवंबर 2023 को दोपहर 03:53 बजे
  • पूर्णिमा तिथि समाप्त– 27 नवंबर 2023 को दोपहर 02:45 बजे

 

विशेष आयोजन और परंपराएँ: देव दिवाली 2023

देव दिवाली के अवसर पर वाराणसी नगर में विभिन्न आयोजन आयोजित किए जाते हैं। इस त्योहार के महत्वपूर्ण आयोजनों में निम्नलिखित शामिल हैं:

गंगा आरती

गंगा आरती, वाराणसी के दशाश्वमेद घाट पर होती है। इस आरती में गंगा की पवित्र नदी की पूजा की जाती है। चार विशाल दियों को एक सब करके उठाने के रूप में किया जाता है और इस अद्वितीय घटना को हजारों श्रद्धालुओं द्वारा उपस्थित होने का अवसर मिलता है। यह दृश्य अत्यधिक आकर्षक और आध्यात्मिक अनुभव है।

प्रदेशेश्वर महादेव तीर्थ क्षेत्र

यह तीर्थ स्थल भगवान शिव को समर्पित है और वाराणसी के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। इसे विशेष रूप से देव दिवाली के दिन भगवान शिव की पूजा के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।

शुभ मुहूर्त
शुभ मुहूर्त

धर्मिक प्रवचन और कार्यशाला

दिवाली के दिन विभिन्न आयोजनों में धार्मिक प्रवचन और कार्यशालाएं भी आयोजित की जाती हैं। ये आयोजन ध्यान और आध्यात्मिक विकास के लिए एक अद्वितीय अवसर प्रदान करते हैं।

देव दिवाली 2023 के महत्व

देव दिवाली 2023 का महत्व अत्यधिक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक है। इसे भगवान शिव के नंदिष्टुति के रूप में जाना जाता है और भगवान की महिमा और दिव्यता की महत्वपूर्ण उपासना के रूप में माना जाता है। विशेष रूप से वाराणसी में, यह त्योहार एक अत्यधिक आद्यात्मिक अनुभव का स्रोत है जो विश्व के विभिन्न हिस्सों से आए श्रद्धालुओं को एक साथ लाता है।

इसके अलावा, यह त्योहार भगवान शिव के भक्तों के लिए एक विशेष अवसर है जब वे अपने भक्ति और समर्पण का आकांक्षी व्यक्त कर सकते हैं। देव दिवाली के दिन, भगवान शिव के प्रति विशेष श्रद्धा और आदर व्यक्त किया जाता है।

महत्व
महत्व

देव दिवाली 2023 कहानी: देव दिवाली क्यों मनाई जाती है?

कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान के धरती पर अवतरण के अलावा भी देव दिवाली मनाने के पीछे कई कहानियां हैं। इस त्यौहार को त्रिपोरुत्सव या त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहा जाता है क्योंकि यह त्रिपुरासुर पर भगवान शिव की जीत का जश्न मनाता है।

कुछ लोग यह भी मानते हैं कि यह युद्ध के देवता और भगवान शिव के पुत्र भगवान कार्तिक की जयंती है। यह वह दिन भी माना जाता है जब भगवान विष्णु अपने पहले अवतार ‘मत्स्य’ में अवतरित हुए थे। ऐसी दिलचस्प कहानियाँ! खैर, वाराणसी में देव दिवाली का त्योहार मनाने के कुछ खास तरीके हैं।

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उपसर्ग

देव दिवाली 2023 का आयोजन एक विशेष अवसर है जो भगवान शिव के भक्तों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यह त्योहार भगवान की महिमा और दिव्यता की अद्वितीय उपासना के रूप में जाना जाता है और वाराणसी में एक अत्यधिक आध्यात्मिक अनुभव का स्रोत है। इस साल, देव दिवाली 26 नवंबर 2023 को मनाई जाएगी। इस अद्वितीय त्योहार के अवसर पर, भगवान शिव के भक्तों को अपने भक्ति और समर्पण का आकांक्षी व्यक्त करने का अवसर मिलेगा।

देव दिवाली को ध्यान और आध्यात्मिक विकास के लिए एक अद्वितीय अवसर के रूप में देखा जाता है और भगवान शिव के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह त्योहार भगवान की महिमा और दिव्यता की अद्वितीय उपासना के रूप में माना जाता है और वाराणसी में एक अत्यधिक आध्यात्मिक अनुभव का स्रोत है।

आखिरकार, देव दिवाली विश्व के विभिन्न हिस्सों से आए श्रद्धालुओं को एक साथ लाने वाला एक अद्वितीय अवसर है जो भगवान शिव के नंदिष्टुति और भक्ति का आदान-प्रदान करता है। इस अद्वितीय त्योहार को ध्यान और आध्यात्मिक विकास के लिए एक अद्वितीय अवसर के रूप में देखा जाता है और भगवान शिव के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है।

इस देव दिवाली, हम आपको शुभकामनाएँ भेजते हैं और आपके जीवन में खुशियों और आनंद की कामना करते हैं। भगवान शिव आपके जीवन को प्रकाशमय बनाए रखें!

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