सम्पूर्ण विश्व में प्रसिद्ध भारतीय अखंड ज्योतिषशास्त्र के माध्यम से जातक की जन्मकुंडली देखकर उसकी योग्यता का सहज अनुमान लगाया जा सकता है। ज्योतिषशास्त्र में जन्मकुंडली का विश्लेषण सबसे आवश्यक और प्रारंभिक कार्य माना जाता है। वर्तमान समय के भौतिक परिवेश में किसी व्यक्ति के करियर में श्रेष्ठतम सफलता ही उसके सामाजिक सम्मान और प्रतिष्ठा का प्रमुख आधार है।
ज्योतिषाचार्य इन्दु प्रकाश जी के अनुसार, व्यक्ति की जन्मकुंडली में स्थित ग्रह उसकी योग्यताओं और जीवन की दिशा को प्रभावित करते हैं। उदाहरण के लिए—
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सूर्य की उत्तम स्थिति राजमान, उच्च पद और सर्वोच्च सफलता का द्योतक होती है।
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मंगल ग्रह का शुभ प्रभाव व्यक्ति की कार्यक्षमता, व्यवहारिकता और दक्षता को प्रकट करता है।
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बुध की श्रेष्ठ स्थिति विभिन्न व्यवसायों को कुशलतापूर्वक अपनाने की योग्यता प्रदान करती है।
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गुरु (बृहस्पति) की उत्तम स्थिति कार्यक्षेत्र में विस्तार और प्रगति का संकेत देती है।
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शनि की शुभ स्थिति नैतिकता, योजनाबद्धता और करियर में स्थिरता का प्रतीक होती है।
इसके अतिरिक्त, जन्मकुंडली में कर्मभाव, उसके स्वामी तथा उस भाव में स्थित ग्रह की स्थिति भी जातक के करियर और उसकी सफलता निर्धारण में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
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I would like to know acharya ji’s guidelines on keeping water based bamboo plant in home and office which he shared during one of his tv show