सोमवार के दिन ऐसे करें शिव जी को प्रसन्न
सोमवार के दिन शिव जी की पूजा करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। उनके पूजन के लिए अलग-अलग विधान भी है। भक्त जैसे चाहे अपनी कामनाओं के लिए उनकी पूजा कर सकते है।
शवे भक्ति:शिवे भक्ति:शिवे भक्तिर्भवे भवे।।
अन्यथा शरणं नास्ति त्वमेव शरंण मम्।।
उच्चारण में अत्यंत सरल शिव शब्द अति मधुर है। शिव शब्द की उत्पत्ति वश कान्तौ धातु से हुई हैं। जिसका तात्पर्य है जिसको सब चाहें वह शिव हैं ओर सब चाहते हैं आंनद को अर्थात शिव का अर्थ हुआ आंनद।
भगवान शिव का ही एक नाम शंकर भी हैं। शंकर यानी आंनद एवं कर यानी करने वाला अर्थात आंनद को करने वाला या देने वाला ही शंकर हैं। शिव को जानने के बाद कुछ शेष रह नहीं जाता इसी प्रकार मानकर सोमवार को शिव जी की पूजा पुरे मन से करनी चाहिए।
पूजा विधि –
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सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि करें।
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फिर वस्त्र धारण कर भगवान शिव जी की पूजा करें।
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पूजा से पहले शिव लिंग पर जो भी चढ़ा हुआ हैं उसे साफ करना चाहिए।
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क्रोध, काम, चाय, कॉफी पर थोडा बहुत नियंत्रण रखें।
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सुबह के समय ॐ नम: शिवाय मंत्र का जाप 11 बार करे।
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शिव जी की पूजा हमेशा उत्तर की तरफ मुंह करके करना चाहिए।
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शिव जी की पूजा के पहले मस्तक पर चंदन अथवा भस्म का त्रिपुंड लगाना चाहिए।
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शिव चालीसा, शिव स्तोत्र, शिव तांडव, शिव महिम्न, रूद्राष्टक, शिव भजन का वाचन करें।