नवरात्र के नवमी (Navmi) तिथि को हवन करने की मान्यता है । इस दिन आप तिल, जौ और गुग्गुल को मिलाकर हवन करें । हवन में जौ के मुकाबले तिल दो गुना होना चाहिए और गुग्गुल आदि हवन सामग्री जौ के बराबर होनी चाहिए। हवन के दौरान यह मंत्र के साथ आहुति दें |
मंत्र है –
“ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।”
नवमी (Navmi) के दिन इस मंत्र के साथ यह हवन करने से आपके घर-परिवार में किसी तरह की नकारात्मक उर्जा प्रवेश नहीं कर पायेगी और आपके आस-पास सकारात्मकता बनी रहेगी। नवमी (Navmi) तिथि के दिन ही चैत्र नवरात्र भी इसी दिन खत्म होंगे। नवरात्र के दौरान उपयोग में लायी गयी सारी सामग्री, बंदनवार, मिट्टी में बोये गये जौ, मिट्टी आदि सभी चीज़ों को इस दिन किसी नदी या तालाब में बहा देना चाहिए।
अगर आप इस हवन या अपने जीवन से सम्बन्धित कोई भी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आचार्य इंदु प्रकाश जी से मिल कर सकते हैं |