
पुखराज उन रत्नों में से हैं जिसे अगर सही समय और सही तरीके से धारण किया जाये तो बहुत ही चमत्कारी फल मिलते हैं | यह रत्न गुरु ग्रह के प्रभाव को बढ़ाता है । इस रत्न को धारण करने से ज्ञान, भाग्य, समृद्धि और खुशी की वृद्धि होती है|
किन लोगों को पहनना चाहिए पुखराज
- कुंडली में अगर बृहस्पति किसी की मेष,वृष, सिंह, वृश्चिक,तुला, कुंभ या मकर राशियों में स्थित हो तो पुखराज पहनना चाहिए।
- विवाह में अड़चने आती हो तो शुभ कार्यों का कारक बृहस्पति के रत्न पुखराज को धारण करने से विवाह शीघ्र हो जाता है।
- पुखराज पहनने से हमारा मन शांत होता है और बुरे विचारों में कमी आती है।
- उत्तम भाव में स्थित बृहस्पति यदि अपने भाव से छठे या आठवें स्थान पर स्थित हो तो पुखराज जरूर पहनना चाहिए।
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अब जानिए की पुखराज रत्न पहनने के क्या लाभ होते हैं |
- पुखराज पहनना स्पष्टता और निर्णय लेने की क्षमता में मदद करता है ।
- बृहस्पति ग्रह कानून और न्याय के क्षेत्र में शासन करता है | जो लोग कानूनी पेशे में कर्यरत हैं, वे पुखराज धारण कर सकते हैं ।
- पुखराज रत्न पेट की बीमारियां, कमजोर पाचन तंत्र और पीलिया में बहुत लाभदायक है |
- पुखराज विवाह में देरी से उबरने में मदद कर सकता है और सही साथी ढूंढने में भी मदद करता है।
पुखराज रत्न को कैसे धारण करें
सबसे पहले रत्न को लें और उसे गंगा जल से साफ़ कर लें |
फिर गुरूवार की सुबह 7.30 बजे “ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः” मंत्र का जाप करते हुए रत्न को पहने | मंत्र का जाप 108 बार करें |
पुखराज के साथ अगर कोई दूसरा रत्न भी पहनना चाहते हैं तो किसी योग्य ज्योतिष की सलाह ज़रूर लें | जैसे की गुडगाँव से आचार्य इंदु प्रकाश मिश्रा जो की गुरुग्राम के सबसे बड़े ज्योतिष (Gurgaon best astrologer) हैं |