What is your relationship with the planets

12 राशियों के स्वामी और उनके प्रभाव

ज्योतिष के अनुसार 12 राशियों और 9 ग्रहों का वर्णन मिलता है। ये सभी 12 राशियाँ इन सभी 9 ग्रहों के द्वारा ही संचालित होती है। यानि प्रत्येक राशि (Rashi) किसी न किसी ग्रह के अधीन होती है। जिसमें से सूर्य और चंद्रमा को छोड़कर सभी ग्रहों को 2-2 राशियाँ मिलती है। यानि सूर्य और चंद्रमा केवल एक-एक राशि (Rashi) के स्वामी है व अन्य सभी गृह दो – दो राशियों के स्वामी है| आइये अब जानते हैं की कौनसी राशि (Rashi) किस ग्रह को सम्बोधित करती है |

1 – मेषराशि स्वामी – मंगल
2 – वृषराशि स्वामी – शुक्र
3 – मिथुनराशि स्वामी – बुध
4 -कर्कराशि स्वामी – चंद्रमा
5 – सिंहराशि स्वामी – सूर्य
6 – कन्याराशि स्वामी – बुध
7 – तुलाराशि स्वामी – शुक्र
8 – वृश्चिकराशि स्वामी – मंगल
9 – धनुराशि स्वामी – गुरूबृहस्पति
10 – मकरराशि स्वामी – शनि
11 – कुम्भराशि स्वामी – शनि
12 – मीनराशि स्वामी – बृहस्पति

ग्रहों का प्रभाव –

सूर्य ग्रह –

Surya Yantra
Surya Yantra

ज्योतिषाचार्य इन्दु प्रकाश जी कहते हैं कि सबसे पहले ग्रहमंडल के राजा सूर्य के विषय में जानकारी प्राप्त करते हैं। सूर्य आपकी आत्मा का कारक है। आपकी जन्मकुंडली ( Janam Kundli ) में यदि सूर्य अपनी नीच राशि में हो अथवा शत्रु नक्षत्र में हो तो इसके नकारात्मक असर को दूर करने के लिए ज्योतिषियों की सलाह के अनुसार सूर्य का रत्न माणिक धारण किया जा सकता है।

चंद्र ग्रह-

Chandra Yantra
Chandra Yantra

जन्मकुंडली में मन का कारक चंद्र यदि निर्बल हो, शत्रु के क्षेत्र में हो, नीच का हो या शत्रु के नक्षत्र में हो तो दूषित कहलाता है। चंद्रमा मनका कारक होता है। इसलिए, मन की नकारात्मकता दूर करने के लिए चंद्र से जुड़े उपाय किये जा सकते हैं। चंद्र माता का भी कारक होता है इसलिए अपनी माता का सम्मान करें। कुंडली में चंद्र के प्रभाव को बढ़ाने के लिए मोती रत्न धारण करें।

मंगल ग्रह –

Mangal Yantra
Mangal Yantra

अब ग्रहों के सेनापति मंगल की बात करते हैं। जन्मकुंडली में मंगल जब कर्क राशि (Rashi) में हो, नीच राशि में हो या फिर शत्रु के क्षेत्र में होने पर कई बार उसका नकारात्मक असर व्यक्ति पर देखने को मिलता है। शरीर पर तांबे की धातु को धारण करें या फिर दान करें। छोटे-भाई बहनों के साथ अपने रिश्ते मधुर बनाए रखें। मंगल के जोश व ऊर्जा को प्राप्त करने के लिए लाल मूंगा रत्न धारण करें।

बुध ग्रह –

Budh Yantra
Budh Yantra

उपवन में विहार करने वाले कुमार अवस्था का ग्रह बुध है। बुद्धि और वाणी का कारक ग्रह बुध जब कुंडली में नीच, अस्त का या फिर शत्रु क्षेत्र में तो उसके कारकत्व में आने वाली चीजों में मुश्किलें आती है। अपने ऊपर से बुध के नकारात्मक असर को दूर करने के लिए भगवान विष्णु की आराधना कीजिए। ज्योतिष की सलाह के अनुसार बुध का रत्न पन्ना धारण किया जा सकता है। इससे बुध का अशुभ असर दूर होता है। पन्ना रत्न खरीदने के लिए कृपया यहां क्लिक करें।

गुरु ग्रह  –

Brahsapti Yantra
Brahsapti Yantra

जन्मकुंडली में गुरु पांचवें भाव का कारक ग्रह बनता है। जन्मकुंडली में जब गुरु की उपस्थिति किसी खराब भाव जैसे कि 6-8-12 भाव में हो या फिर नीच राशि (Rashi) में हो तब जातकों पर इसका व्यापक असर देखा गया है। जातकों को काफी तकलीफों का सामना करना पड़ता है। अपनी कुंडली में बृहस्पति ग्रह को मजबूत करने के लिए उसका सम्मान करें। किसी महापुरुष अथवा बड़ी उमर के किसी गुणीजन को अपना गुरु मान सकते हैं। गुरु को अधिक बलवान बनाए रखने के लिए ज्योतिषियों की सलाहानुसार पीला पुखराज रत्न धारण किया जा सकता है।

शुक्र ग्रह  –

Shukra Yantra
Shukra Yantra

नव ग्रहों में संबंधों का कारक ग्रह शुक्र सुंदरता और पत्नी का भी कारक ग्रह होता है। कुंडली में यदि शुक्र दूषित है तो जातक का जीवन संघर्ष से भर जाता है। दूषित शुक्र को पवित्र बनाकर अपनी जिंदगी को सुखमय बनाने के लिए घी और आंवले का सेवन कीजिए। घर-परिवार में कपूर के दिए को प्रज्वलित करें और श्रृंगारिक चीजों को दान स्वरूप दीजिए।

शनि ग्रह –

Shani Yantra
Shani Yantra

ग्रहों की दुनियां में जातकों को हमेशा उनके कर्मों के अनुसार यदि कोई ग्रह फल प्रदान करता है तो वो शनिदेव हैं। जज शनि जातकों से अनुशासन और नेक नीयत की अपेक्षा रखता है। जन्मकुंडली में जब शनि नीच का हो, शनि सूर्य के साथ युति या शत्रु क्षेत्र में हो तो यह जातक की लाइफ में अनेक अवरोध व अड़चनें लाता है। इन अवरोधों को दूर करने के लिए शनिदेव के मंत्र और सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए। तेल या तेल से बनी चीजों को किसी गरीब, वृद्ध,और भिक्षुक को दान दीजिएं। काली उड़द से बने खाद्यपदार्थो का सेवन किया जा सकता है।

यदि आप इस लेख से जुड़ी अधिक जानकारी चाहते हैं या आप अपने जीवन से जुड़ी किसी भी समस्या से वंचित या परेशान हैं तो आप विश्व विख्यात ज्योतिषाचार्य इन्दु प्रकाश जी द्वारा जानकारि प्राप्त कर समस्या का सामाधान प्राप्त कर सकते हैं।

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