शारदीय नवरात्रि 2023, भारतीय हिन्दू पर्वों में से एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो आश्विन मास के शुक्ल पक्ष के पहले नवरात्रि से शुरू होकर दशहरा तक चलता है। इस त्योहार का महत्व और महात्म्य हिन्दू धर्म में विशेष रूप से माना जाता है। नवरात्रि के दौरान, देवी दुर्गा की पूजा की जाती है जिन्हें नवदुर्गा के रूप में भी जाना जाता है। यह त्योहार धर्मिक, सांस्कृतिक, और सामाजिक महत्व के साथ मनाया जाता है और भारत भर में उत्सव और धूमधाम से मनाया जाता है।
शारदीय नवरात्रि 2023 की तिथि और शुभ मुहूर्त
नवरात्रि 2023 3 अक्टूबर से शुरू होकर 11 अक्टूबर तक चलेगा। इस नवरात्रि के दौरान, नौ दिनों तक देवी दुर्गा की पूजा की जाती है और भक्तगण मां दुर्गा के आगमन का स्वागत करते हैं। यह पवित्र तिथियों पर आधारित है जो हिन्दू पंचांग के अनुसार तय की जाती हैं।
नवरात्रि के प्रत्येक दिन का विशेष महत्व होता है, और इन दिनों को अलग-अलग नामों से जाना जाता है। नवरात्रि के पहले दिन को प्रतिपदा कहा जाता है, और इस दिन देवी शैलपुत्री की पूजा की जाती है। दुसरे दिन को द्वितीया कहा जाता है, और इस दिन देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है।
तीसरे दिन को तृतीया कहा जाता है, और इस दिन देवी चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। चौथे दिन को चतुर्थी कहा जाता है, और इस दिन देवी कुष्माण्डा की पूजा की जाती है। पांचवे दिन को पंचमी कहा जाता है, और इस दिन देवी स्कंदमाता की पूजा की जाती है।

छठे दिन को षष्ठी कहा जाता है, और इस दिन देवी कात्यायनी की पूजा की जाती है। सातवें दिन को सप्तमी कहा जाता है, और इस दिन देवी कालरात्रि की पूजा की जाती है। नवरात्रि के आठवें दिन को अष्टमी कहा जाता है, और इस दिन देवी महागौरी की पूजा की जाती है।
नवरात्रि के नौवें और अंतिम दिन को नवमी कहा जाता है, और इस दिन देवी सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। नवरात्रि का आखिरी दिन विजयादशमी (दशहरा) होता है, जिसे देवी दुर्गा के विजय का प्रतीक माना जाता है। इस दिन भगवान राम ने लंका के राक्षसराज रावण का वध किया था।
शारदीय नवरात्रि 2023 का महत्व और महात्म्य
नवरात्रि का महत्व हिन्दू धर्म में अत्यधिक है, और इसे विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है। इस त्योहार के दौरान, भगवान दुर्गा की पूजा के साथ-साथ नौ दिनों तक उपवास भी किया जाता है। यह उपवास नौ दिनों तक व्रतियों और भक्तों द्वारा पालन किया जाता है, जिसमें वे बिना अनाज, आलू, प्याज, और गर्लिक के आहार लेते हैं।
यह उपवास दिव्यता और आत्मा की शुद्धि का प्रतीक होता है। इसके अलावा, नवरात्रि के दौरान भक्त रात्रि को दीपों के साथ आरती करते हैं और देवी दुर्गा के मंत्र जाप करते हैं। यह पूजा और जाप उनकी भगवान के साथ एकाग्रता और साधना की भावना को बढ़ावा देते हैं।
नवरात्रि के दौरान, बच्चे और युवा लोग भगवानी के गाने गाते हैं और रास गरबा के खेल खेलते हैं। रास गरबा गुजरात और विभिन्न भागों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है, और इसमें लोग खूबसुरत परिधान पहनते हैं और गरबा के नृत्य का आनंद लेते हैं।
इस दौरान, मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है, और इन रूपों को नवदुर्गा के नाम से जाना जाता है। नवदुर्गा के इन रूपों में से प्रत्येक रूप का विशेष महत्व है और उन्हें उनके विशेष वाहनों और आदर्शों के साथ पूजा जाता है।

शारदीय नवरात्रि 2023 का महत्व: धार्मिक और सामाजिक
नवरात्रि का महत्व सिर्फ धार्मिक नहीं है, बल्कि इसका सामाजिक महत्व भी है। इस त्योहार के दौरान, लोग अपने परिवार और समुदाय के सदस्यों के साथ समय बिताते हैं और सामाजिक अदान-प्रदान का आनंद लेते हैं। यह एक आपसी अदान-प्रदान और सजावट का मौका प्रदान करता है, जिससे समुदाय की एकता और सामरस्य बढ़ता है।
इस दौरान धार्मिक और सामाजिक समरसता का संदेश दिया जाता है। इसके अलावा, यह त्योहार भगवानी दुर्गा की शक्ति और साहस का प्रतीक होता है, जो हमें बुराई और अधर्म के खिलाफ लड़ने की प्रेरणा देती है।
शारदीय नवरात्रि 2023 की महिलाओं पर महत्व
नवरात्रि का त्योहार महिलाओं के लिए भी महत्वपूर्ण होता है। इस दौरान, महिलाएं अपनी सौंदर्य और शक्ति को प्रकट करने के लिए विशेष ध्यान देती हैं। वे खास तौर पर रात्रि को सुंदर साड़ियाँ पहनती हैं और देवी दुर्गा की पूजा करने के बाद व्रतियों को खिलाती हैं। यह त्योहार महिलाओं को उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने और सामाजिक दृष्टिकोण को मजबूत करने का अवसर प्रदान करता है।
नवरात्रि में खास भोजन
इस दौरान, व्रतियों का आहार विशेष होता है और यह व्रतियों के धार्मिक अनुष्ठान का हिस्सा होता है। व्रतियों के आहार में अनाज, आलू, प्याज, और गर्लिक का सेवन नहीं किया जाता है। इन्हें साकारात्मक भोजन और व्रत आहार में शामिल किया जाता है, जैसे कि सिंघाड़े का आटा, कुट्टू का आटा, अररोट का आटा, फल, फलियां, साबूदाना, और दूध के उत्पाद।
नवरात्रि के दौरान विशेष तरीके से बनाए जाने वाले व्रत के खाने का आनंद लिया जाता है। कई प्रकार की व्रत की रेसिपी होती हैं जैसे कि सिंघाड़े की पूरी, कुट्टू की पूरी, साबूदाना खिचड़ी, अररोट की पूरी, फली की सब्जी, और साबूदाना खीर। ये व्रत के खाने के स्वादिष्ट और पौष्टिक विकल्प होते हैं और व्रतियों को धार्मिक और स्वास्थ्यपूर्ण भोजन का आनंद देते हैं।

शारदीय नवरात्रि 2023 के अन्य प्रकार
नवरात्रि का त्योहार भारत के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न रूपों में मनाया जाता है। इसके अलावा, विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं के अनुसार इसे विभिन्न नामों से जाना जाता है, जैसे कि दुर्गा पूजा, दुर्गोत्सव, और कान्या पूजा।
गरबा गुजरात के लोगों के लिए नवरात्रि का महत्वपूर्ण हिस्सा है। गरबा रात्रि को लोग खेलते हैं, जिसमें वे खूबसुरत परिधान पहनते हैं और गरबा के नृत्य का आनंद लेते हैं। यह एक महत्वपूर्ण सामाजिक मिलनसर होता है जिसमें लोग गीतों के साथ नृत्य करते हैं और आपसी मेलजोल का आनंद लेते हैं।
दुर्गा पूजा बंगाल में नवरात्रि के दौरान मनाया जाता है और यह त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इसमें देवी दुर्गा की मूर्ति की पूजा की जाती है और अस्तित्व में लाने के बाद पूजा की जाती है।
रामलीला नवरात्रि के दौरान, भारत के विभिन्न हिस्सों में रामलीला का आयोजन किया जाता है, जिसमें भगवान राम की कथा का प्रस्तुतिकरण किया जाता है। यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक प्रदर्शनी होता है जिसमें लोग भगवान राम की कथा को देखने का आनंद लेते हैं।
शारदीय नवरात्रि 2023 की तिथियाँ
नवरात्रि 2023 की तारीखें: 15 अक्टूबर – 24 अक्टूबर
शारदीय नवरात्रि 2023 इस बार 15 अक्टूबर से शुरू होकर 24 अक्टूबर तक चलेगी। इस आठ दिनों के त्योहार में देवी दुर्गा की पूजा और भक्ति की भरपूर गर्माहट और उत्साह रहता है।
नवरात्रि 2023 के दिनों का विवरण:
प्रथम दिन (15 अक्टूबर 2023) – शैलपुत्री पूजा: पहले दिन को शैलपुत्री देवी की पूजा की जाती है, जिन्हें पार्वती देवी के रूप में पूजा जाता है।
द्वितीय दिन (16 अक्टूबर 2023) – ब्रह्मचारिणी पूजा: दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी देवी की पूजा होती है, जो पार्वती देवी के यौवन रूप को प्रतिष्ठित करती हैं।
तृतीय दिन (17 अक्टूबर 2023) – चंद्रघंटा पूजा: तीसरे दिन चंद्रघंटा देवी की पूजा होती है, जिनका नाम उनके प्रशांत स्वरूप के कारण है।
चौथे दिन (18 अक्टूबर 2023) – कूष्मांडा पूजा: चौथे दिन कूष्मांडा देवी की पूजा की जाती है, जिनका रूप भयंकर और उग्र होता है।
पांचवा दिन (19 अक्टूबर 2023) – स्कंदमाता पूजा: पांचवे दिन स्कंदमाता देवी की पूजा होती है, जिन्हें कार्तिकेय की मां माना जाता है।

षष्ठे दिन (20 अक्टूबर 2023) – कात्यायनी पूजा: इस दिन कात्यायनी देवी की पूजा की जाती है, जिन्होंने अपनी तपस्या से भगवान विष्णु को प्राप्त किया था।
सप्तमी दिन (21 अक्टूबर 2023) – कालरात्रि पूजा: सप्तमे दिन कालरात्रि देवी की पूजा होती है, जिन्हें काली मां के रूप में पूजा जाता है।
अष्टमे दिन (22 अक्टूबर 2023) – महागौरी पूजा: आठवें दिन महागौरी देवी की पूजा की जाती है, जिन्हें धर्म और भक्ति की प्रतीक माना जाता है।
नवमी दिन (23 अक्टूबर 2023) – सिद्धिदात्री पूजा: नौवें और आखिरी दिन सिद्धिदात्री देवी की पूजा होती है, जिन्हें सिद्धियों की देने वाली मां माना जाता है।
विजयादशमी (24 अक्टूबर 2023): नवरात्रि का आखिरी दिन विजयादशमी (दशहरा) होता है, जिसे देवी दुर्गा के विजय का प्रतीक माना जाता है।
शुभ मुहूर्त
नवरात्रि के दिनों में पूजा और व्रत करने के लिए शुभ मुहूर्त होते हैं। यह मुहूर्त अलग-अलग स्थानों और पंडितों के अनुसार भिन्न-भिन्न हो सकते हैं, लेकिन आमतौर पर प्रात:काल और सायंकाल में पूजा करना शुभ माना जाता है।
इस नवरात्रि, अपने स्थानीय पंडित से शुभ मुहूर्त की जानकारी प्राप्त करें और देवी दुर्गा की पूजा के लिए समय और तारीख का सुनिश्चित करें।
महत्व
नवरात्रि का महत्व और प्राथमिकता
आत्मशुद्धि और साधना: नवरात्रि के आठ दिनों के व्रत के दौरान, भक्त आत्मशुद्धि और साधना का मार्ग चुनते हैं। यह एक मानसिक और आध्यात्मिक साधना का समय होता है, जिसमें वे अपनी भक्ति में गहराई से जाने का प्रयास करते हैं।
मां दुर्गा की पूजा: नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा करने से भक्त उनके आसपास की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करते हैं और सकारात्मक शक्ति को आमंत्रित करते हैं।
समाज में सामंजस्य और एकता: नवरात्रि के त्योहार के दौरान, लोग एक-दूसरे के साथ मिलकर पूजा करते हैं और सामाजिक एकता का प्रतीक दिखाते हैं। यह समाज में सामंजस्य और एकता को बढ़ावा देता है।
आरोग्य और धन: नवरात्रि के दौरान सत्विक आहार का सेवन करने से आरोग्य बना रहता है और धन की प्राप्ति होती है।
समापन
नवरात्रि 2023 एक अत्यधिक महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है जो धार्मिक, सांस्कृतिक, और सामाजिक महत्व के साथ मनाया जाता है। इस त्योहार के दौरान, लोग देवी दुर्गा की पूजा करते हैं, व्रत आहार का पालन करते हैं, और विभिन्न रूपों में मनाते हैं। यह एक सामाजिक और धार्मिक मिलनसर त्योहार है जिसमें लोग आपसी एकता और सामरस्य का संदेश देते हैं और अपने परिवार और समुदाय के सदस्यों के साथ समय बिताते हैं। इसके अलावा, नवरात्रि महिलाओं के लिए भी महत्वपूर्ण होता है जो अपनी शक्ति और सौंदर्य को प्रकट करने का मौका प्रदान करता है।
नवरात्रि 2023 का आयोजन 15 अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक होने वाला है, और यह नौ दिनों के उत्सव के रूप में मनाया जाएगा। इस नवरात्रि के दौरान, हम सभी को आपसी मिलनसरता, धार्मिक आदर्शों का पालन, और देवी दुर्गा के आगमन का स्वागत करने का अवसर प्राप्त होता है। इस नवरात्रि पर हम सभी को ध्यान में रखकर अपने आस-पास के समुदाय के साथ एक सजीव और आनंदमय त्योहार मनाने का अवसर मिलता है।
इस नवरात्रि 2023 का शुभ फल पाने के लिए अपनी जन्म कुंडली अनुसार पूजा करे। यह पूजा बहुत ही लाभदायक साबित हो सकता है और आपका भाग्या पूरी तरह बदल सकता है। अगर इस पूजा को पूरे विधि विधान के साथ किसी विश्व प्रसिद्ध ज्योतिष आचार्य की मदद से कुंडली अनुसार किया जाये तो। आप किसका इंतज़ार कर रहे है, अपने पूजा को और भी लाभदायक बनाने के लिए अभी संपर्क करे इस (+91)9971-000-226 पर।