ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जीवन में तरक्की और स्थिरता के लिए शनि देव की कृपा बेहद महत्वपूर्ण होती है। शनि महाराज को प्रसन्न रखना आवश्यक है, क्योंकि यदि वे नाराज हो जाएं, तो इसका प्रभाव अगले साढ़े सात वर्षों तक देखा जा सकता है, जिसे शनि की साढ़े साती कहा जाता है। वहीं, जिन पर शनि देव की कृपा होती है, उनका जीवन सुखी, सफल और समृद्धिशाली रहता है।
शनिवार शनि महाराज का दिन होता है, और कुछ राशियों पर इस दिन उनकी विशेष कृपा होती है। आइये जानते हैं उन राशियों के बारे में:
1. मेष
मेष राशि के जातकों पर शनि का प्रभाव विशेष रूप से सक्रिय होता है। शनि की कृपा मिलने पर ये लोग काम के प्रति अत्यंत समर्पित और ऊर्जावान हो जाते हैं। उनका स्वभाव ज़िद्दी होते हुए भी सकारात्मक दिशा में काम करता है, जिससे वे अपने व्यवसाय या करियर में तेजी से तरक्की करते हैं। इस वर्ष शनिवार के दिन मेष राशि वालों पर शनि देव की विशेष कृपा देखने को मिलेगी।
2. वृश्चिक
वृश्चिक राशि के जातकों पर शनिवार को शनि देव की कृपा विशेष रूप से रहती है। यदि आप नियमित रूप से शनिवार को शनि मंदिर जाकर शनि देवता की पूजा, तेल अर्पित और जाप करते हैं, तो जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता सुनिश्चित होती है। शनि की कृपा से जीवन से सभी दोष धीरे-धीरे दूर होते हैं और सफलता के मार्ग आसान हो जाते हैं।
3. मकर
मकर राशि वालों पर इस शनिवार शनि महाराज की विशेष कृपा रहेगी। इस दिन शुरू किया गया कोई भी काम निश्चित रूप से सफल होगा। शनि देव की कृपा से आत्मसंयम और धैर्य की शक्ति बढ़ती है। जब मकर राशि वाले अपनी पूरी ऊर्जा और अनुशासन के साथ कार्य करते हैं, तो उनका जीवन बहुत बेहतर हो जाता है। परेशानियों को दूर करने के लिए शनिवार को काले कपड़े पहनकर मंदिर जाकर शनि देव को सरसों का तेल अर्पित करें।
4. कुम्भ
कुम्भ राशि वालों के बिगड़े काम सुधरने लगते हैं और शनि की साढ़े साती का प्रभाव धीरे-धीरे खत्म होता है। इस राशि के जातक नई ऊर्जा और उत्साह से भरपूर रहते हैं और नए काम करने के विचार मन में आते हैं। शनिवार को कुम्भ राशि वालों को किसी गरीब या जरूरतमंद को भोजन कराना और वस्त्र दान करना लाभकारी माना गया है।
शनि की कृपा कैसे पाएं?
शनि देव की कृपा किसी के जीवन में आसानी से नहीं आती। जिन पर यह कृपा नहीं है, वे शनिवार का व्रत रखकर शनि महाराज को प्रसन्न करने का प्रयास कर सकते हैं। नियमित पूजा, तेल अर्पण और दान से शनि देव संतुष्ट होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।


