बगलामुखी जयंती पर करने वाले उपाय, पायें शत्रुओं से मुक्ति

हर वैशाख शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को देवी बगलामुखी जयंती मनाई जाती है | देवी बगलामुखी दस महाविद्याओं में से एक हैं । मान्यता अनुसार इनकी उत्पत्ति सौराष्ट्र के हरिद्रा नामक सरोवर से हुई थी | देवी बगलामुखी पीताम्बरी के नाम से भी जानि जाती हैं जिसका मतलब है जिसने पीले वस्त्र धारण किये है | इन माता को पीला रंग काफी प्रिय है | तो कोशिश करें की इन माता की पूजा करते वक्त हो सके तो पीले वस्त्र धारण करना ना भूलें |
बगलामुखी माता शत्रुओं का नाश करने वाली देवी हैं | अत: इनकी पूजा करने से आपको शत्रुओं से मुक्ति ज़रूर मिलेगी |
अत: इस दिन यह 36 अक्षरों का मंत्र का जप करें, लाभ ज़रूर होगा | मंत्र है,

ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा।

मंत्र का जप करने के लाभ

– शत्रुओं से और क़ानूनी मामलों में जीत मिलेगी |
– कोई भय आपको नही सताएगा और आप सुरक्षित महसूस करेंगे |
– हर तरह की परीक्षा में सफलता मिलेगी |
परन्तु इस मंत्र का जप करने से पूर्व बगलामुखी यंत्र की स्थापना बहुत महत्वपूर्ण है |
किसी भी त्यौहार या व्रत का आप कुछ उपाय कर अपनी परेशानियां कैसे दूर कर सकते हैं जानिए स्वयं आचार्य इंदु प्रकाश जी से |

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