मंगल यंत्र से कैसे मिलेगा आपको लाभ

हिंदू शास्त्रों में मंगल ग्रह (Mangal Yantra) को नवग्रहों में सबसे शक्तिशाली माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जिस व्यक्ति की कुंडली में मंगल उच्च स्थान पर होता है, उस जातक को वह शुभ फल प्रदान करते है जैसे हर कार्य में सफलता प्राप्त होती है और समाज में मान सम्मान में वृद्धि होती है। साथ ही जिस व्यक्ति की कुंडली में मंगल नीच स्थान पर होता है उन जातकों को अपने जीवन में रोग, शत्रुता, क्रोध, घृणा, हिंसा, पाप, हत्या, दुर्घटना आदि समस्याओं का सामना करना पडता है।

मंगल ग्रह की तरह ही मंगल यंत्र भी प्रभावशाली होता है। मंगल यंत्र बहुत ही शक्तिशाली और सहायता करने वाला कवच यंत्र है। ऐसा माना जाता है मंगल यंत्र उस स्थान को पवित्र करता है, जहाँ इस यंत्र को स्थापित किया जाता है। इस यंत्र को पश्चिम की ओर पूर्व दिशा में लगाना सर्वोत्तम माना गया है। मंगल यंत्र का प्रभाव सूर्य की बढ़ती किरणों के साथ ओर बढ़ता है। इस यंत्र को अपने घर या कारोबार में स्थापित करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इस यंत्र का सर्वोत्तम लाभ प्राप्त करने के लिए उचित स्थान पर स्थापित करना आवश्यक है। गलत स्थान पर स्थापित करने से आपको इस यंत्र का लाभ प्राप्त नहीं होगा। अगर आप इसकी स्थापना करते हैं तो यह आपके क्रोध, आत्मविश्वास, धैर्य

मंगल यंत्र को कैसे और कहाँ स्थापित करें

किसी भी जातक को मंगल यंत्र (Mangal Yantra) से प्राप्त होने वाले लाभ तभी मिल सकते हैं जब जातक द्वारा स्थापित किया जाने वाला मंगल यंत्र सम्पूर्ण विधि के साथ बनाया गया हो जिसमें इस यंत्र के शुद्धिकरण तथा प्राण प्रतिष्ठा जैसे अति महत्वपूर्ण चरण सम्मिलित हैं। प्राण प्रतिष्ठा करवाए बिना ही किसी भी मंगल यंत्र को स्थापित कर लेना कोई विशेष लाभ प्रदान नहीं करता अथवा बिल्कुल ही लाभ प्रदान नहीं करता। इसलिए मंगल यंत्र को स्थापित करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आपका मंगल यंत्र विधिवित बनाया गया तथा प्राण प्रतिष्ठित है।

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