पुखराज का उपरत्न सुनेला, पीले-भूरे रंग का होता है। इस रत्न की चमक उगते सूरज के समान होती है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार सुनेला रत्न गुरु ग्रह से संबंधित होता है। इसे पहनने से गुरु से संबंधित दोष दूर होते हैं, मान-सम्मान की प्राप्ति होती है, निर्णय लेने की क्षमता का विकास होता है और सामाजिक कार्यों में रूचि बढ़ती है।

सुनेला के लाभ
सुनेला (Sunela gemstone) के पहनने से आर्थिक स्थिति में सुधार आता है। अगर आप धन की इच्छा रखते हैं तो आपको सुनेला रत्न अवश्य धारण करना चाहिए। सुनेला पहनने से व्यक्ति की मानसिक स्थिति ठीक रहती है और वह मन से दृढ़ बनता है। साथ ही शिक्षा, न्याय और पढ़ाई-लिखाई के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करता है। सुनेला रत्न धनु और मीन राशि वाले जातकों के लिए ज्यादा शुभ रहता है। पश्चिमी ज्योतिष के अनुसार यह धनु राशि वालों का बर्थ स्टोन है।
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कैसे करें धारण
रत्न को धारण करने से पूर्व उसे पहले गंगाजल अथवा कच्चे दूध से स्नान करायें। उसके बाद जिस रंग का रत्न हो उसी रंग के कपड़े का टुकड़ा एक पात्र में बिछाकर रत्न को उस पर स्थापित करें। शुद्ध घी का दीपक जलाकर सुनेला रत्न के अधिष्ठाता ग्रह गुरु के मन्त्र का यथा इच्छा संख्या में जाप करें। गुरु का मंत्र है – ॐ बृहस्पतये नम:। इसके पश्चात् सुबह उगते सूर्य को रत्न दिखायें ताकि रत्न सूर्य की किरणों को सही प्रकार से अवशोषित कर लें। तत्पश्चात् उस रत्न को धारण करें।
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