आध्यात्मिक

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अशून्यशयन व्रत- सुखी विवाहित जीवन कैसे जियें

हम साथ रहेंगे  जीवन में जितनी जरूरत स्त्री को पुरुष की होती है उतनी ही जरूरत पुरुष को स्त्री की होती है । स्त्रियां पुरुषों की लम्बी उम्र के लिए करवा चैथ का व्रत रखती हैं, ठीक वैसे ही पुरुषों को अपने जीवन-साथी की लम्बी उम्र सुनिश्चित करने के लिए अशून्यशयन द्वितीया का व्रत करना […]

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क्या है गुरु पूर्णिमा का महत्व

गुरु कुम्हार शिष कुंभ है, गढ़ि-गढ़ि काढै़ खोट अंतर हाथ सहार दै, बाहर बाहै चोट ।। हमारा भारत देश अनेक परंपराओं का साक्षी रहा है । इन्हीं परंपराओं में से एक है गुरु-शिष्य परंपरा । प्राचीनकाल से ही भारत देश महान गुरु और उनके शिष्यों की जन्मस्थली रहा है । गुरु भारतीय संस्कृति का एक

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चातुर्मास में नहीं होंगे शुभ कार्य

आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी होती है । देवशयनी एकादशी को हरिशयनी, पद्मनाभा तथा प्रबोधनी के नाम से भी जाना जाता है । भविष्य पुराण, पद्म पुराण तथा श्रीमद्भागवत पुराण के अनुसार हरिशयन को योगनिद्रा एकादशी भी कहा गया है । इसी दिन से चातुर्मास का आरंभ माना गया है

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बगलामुखी जंयती पर शत्रुओं से छुटकारा पाने के लिए

बगलामुखी जंयती आज वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है। आज के दिन देवी बगलामुखी का अवतरण दिवस माना जाता है। देवी बगलामुखी दस महाविद्याओं में से एक हैं। इनकी उत्पत्ति सौराष्ट्र के हरिद्रा नामक सरोवर से मानी जाती है। मां बगलामुखी को शत्रुनाश की देवी कहा जाता है। इनकी नजरों से कोई

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सत्य कि जीत में डुबो देने वाली होली पर्व का महत्वा

अखंड भारत वर्ष में होली का त्यौहार अपनी सांस्कृतिक और पारम्परिक मान्यताओं की वजह से प्रसिद्ध व बड़े हर्षो-उल्लास के साथ मनाया जाता है। होली त्यौहार का उल्लेख धार्मिक व पौराणिक पवित्र पुस्तकों में प्रमाणित रूप वर्णित मिलता है। चारों ओर बिखरता संगीत ढोल और नागाडो पर थिरकते हुये पैर रंगों से सराबोर और रंगो

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धनतेरस और उस दिन किये जा सकने वाले राशि अनुसार उपाय

आयोग्य हेतु धन्वंतरि मंत्र- ऊं नमो भगवते महासुदर्शनाय वायुदेवाय धन्वंतरायेः । अमृतकलश हस्ताय सर्व भयविनाशाय सर्व रोगनिवारणाय ।। त्रिलोकपथाय सर्व रोगनिवारणाय श्री महाविष्णुस्वरुप । श्री धनवंतरी स्वरुप श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः ।। कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है । इसी दिन आयुर्वेद के गुरु कहे जाने वाले

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Types Of Happy Diwali In World….शुभ दीपावली

शुभ दीपावली  दीपावली दीपों का उत्सव है । महान ग्रंथ भविष्योत्तर के 140 में इसे ”दीपालिका“ कहा गया है । मुख्य रुप से यह पर्व पांच दिनो तक चलता है । इसकी शुरुआत कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी से होती है । जिसमें भगवान धन्नवंतरि की पूजा की जाती है । इसके अगले दिन चतुर्दशी को

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इतिहास के महान गुरु और उनके शिष्य

महान गुरु और उनके शिष्य द्रोणाचार्य और एकलव्य – गुरु और शिष्यों की जोड़ी में सबसे चर्चित जोड़ियों में इनका नाम आता है, लेकिन एकलव्य को गुरु द्रोणाचार्य से शिक्षा कैसे मिली, यह जानकर आप भी हैरान हो जायेंगे । दरअसल गुरु द्रोणाचार्य ब्राह्मण तथा क्षत्रिय वर्ग को ही शिक्षा देते थे, लेकिन एकलव्य एक निषाद

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