छिन्नमस्तिका जयंती व्रत से सभी दुःख दूर होंगे

आने वाली तारिक 17 मई, 2019 को छिन्नमस्तिका जयंती (Chinnamasta Jayanti 2019) मनाई जायेगी | सभी दस महाविद्याओं में से छठी महाविद्या हैं छिन्नमस्तिका माता | छिन्नमस्ता मतलब छिन्न मस्तक वाली देवी | इन महाविद्या का सम्बंध महाप्रलय से है |
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इससे सम्बन्धित एक कथा के अनुसार, बहुत समय पहले देवी पार्वती अपनी सहचरी जया और विजया के साथ मन्दाकिनी नदी में स्नान करने गयीं | वहाँ दोनों सहचरियों को भूख लगी | भूख की पीढा से उनका रंग काला होने लगा | उनकी भूख शांत करने के लिए माता ने अपना मस्तक काटकर अपने रक्त से उनकी भूख शांत की | मस्तक काटने के बाद माता के सिर से तीन धाराएँ निकलीं | दों धाराओं से दोनों सहचरि ने रक्त पान किया और तीसरी से स्वयं रक्त पान किया | तभी से माता छिन्नमस्तिका के नाम से जाने जाने लगी |

पूजन विधि

छिन्नमस्ता जयंती (Chinnamasta Jayanti 2019) के दिन सुबह उठ कर स्नान करें, फिर देवी की प्रतिमा के समक्ष खड़े हो कर, हाथों में लाल फूल लिए व्रत का संकल्प लें | पूजा के दौरान अलग अलग प्रकार के प्रसाद को चढाएं |
ऐसा करने से माता आपकी सभी मुरादें पूरी करेंगी और आपकी समस्त चींताओं को हर लेंगी |
छिन्नमस्ता जयंती (Chinmastika Jayanti 2019) के बारे में और जानकारी प्राप्त करने के लिए या जीवन की किसी भी समस्या से छुटकारा पाने के लिए आचार्य इंदु प्रकाश जी से मिलिए और बिताईये एक खुशहाल जीवन |

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