रुक्मिणी द्वादशी क्यों मनाई जाती है ?

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16 मई, 2019 के दिन रुक्मिणी द्वादशी (Rukmini Dwadashi 2019) मनाई जायेगी | रुक्मिणी द्वादशी हर वैशाख माह की द्वादशी को मनाई जाती है | शास्त्रों के मुताबिक रुक्मिणी को लक्ष्मी जी का अवतार माना गया है |
मान्यता के अनुसार श्री कृष्ण ने रुक्मिणी का हरण कर उनसे विवाह किया था | और जिस मंदिर में उनका विवाह हुआ वह आज भी उसी जगह मौजूद है | वह अवन्तिका देवी मंदिर के नाम से जाना जाता है | उत्तरप्रदेश के बुलंदशहर स्थित जहांगीराबाद से करीब 15 किमी. दूर गंगा नदी के तट पर यह मंदिर आज भी मौजूद है |
इस मंदिर से जुडी एक मान्यता है की जो कोई भी अपनी विवाह से जुड़ी इच्छा ले कर यहाँ दर्शन करने आता है, उसकी इच्छा जरूर पूरी होती है |
इसके जुड़ी कथा के अनुसार, रुक्मिणी के बड़े भाई रुक्मी ने उनका विवाह श्री कृष्ण के भाई शिशुपाल से तय कर दिया था | रुक्मी और शिशुपाल दोनों ही श्री कृष्ण से शत्रुता रखते थे | रुक्मिणी को केवल श्री कृष्ण से ही विवाह करना था, तो उन्होंने यह बात अवन्तिका देवी मंदिर के पुजारी के माध्यम से श्री कृष्ण तक पहुँचाई | यह जान कर श्री कृष्ण ने रुक्मिणी का हरण कर अवन्तिका देवी मंदिर में ही रुक्मिणी से विवाह कर लिया | उस दिन वैशाख माह की द्वादशी तिथि थी, इसी कारण से यह दिन रुक्मिणी द्वादशी (Rukmini Dwadashi 2019) के नाम से मनाया जाने लगा |

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