भारतीय ज्योतिष शास्त्र को प्राचीन काल से जातक के मार्गदर्शक रूप में सदैव सर्वोपरि माना गया है जो की हर मानव प्राणी को प्रभावित करता है ज्योतिषशास्त्र का सम्पूर्ण ज्ञान 27 नक्षत्रों में समाहित है इनमें से अंत के पांच नक्षत्रों को पंचक का नाम दिया है जिसे अशुभ नक्षत्र माना जाता है कहा जाता है कि इन नक्षत्रों में किया गया कोई भी शुभ-अशुभ काम फल दायी साबित नहीं होता है |
बात करते हैं इन पांच अशुभ (पंचक) नक्षत्रों की –
1 – भारतीय धर्म ग्रंथों के अनुसार पंचकों में कभी भी घास लकड़ी और इंधन आदि इकट्ठे नहीं करने चाहिए क्योंकि पंचकों में घास, लकड़ी आदि का संग्रह करने से आग लगने का भय बना रहता है।
2 – पंचक के समय में घर पर छत अथवा लेंटर आदि नहीं डालना चाहिए। ज्योतिष के अनुसार पंचकों में लेंटर अथवा छत डालने से उस घर में धन हानि और क्लेश बना रहता है व मकान आदि गिरने के योग बनते हैं। मकान मालिक उस मकान में सुखपूर्वक नहीं रह पाता ।
3 – पंचक के समय में पलंग, चारपाई, डबल बैड आदि कोई भी शयन से संबंधित वस्तुएं लाना, खरीदना खतरे को न्योता देने जैसा है। ऐसे बिस्तर पर सोने वाला इंसान हमेशा बीमार रहता है। उसके शरीर में दर्द, मानसिक पीड़ा, कलह क्लेश, मनमुटाव, चिड़चिड़ापन आदि बन जाता है।
4 – पंचक के समय में दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए, क्योंकि दक्षिण दिशा, यम की दिशा मानी गई है। पंचक के समय में दक्षिण दिशा में यात्रा करने से भयंकर दुर्घटना होने के आसार बनते हैं।
5 – पंचक के समय में पांचवा और आख़िरी निषेध काम है। शव का अंतिम संस्कार करना। जी हां, पंचक के समय में यदि किसी की मृत्यु हो जाती है, तो शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाता। अब चूंकि पंचक तो 5 दिन लगातार चलते हैं, तो 5 दिन तक तो हम शव को नहीं रख सकते, अतः उसके लिए हमारे शास्त्रों में पंचक शांति का विधान बताया गया है।
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