भारतीय अखंड ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बुध ग्रह को व्यापार का कारक ग्रह माना जाता है। बुध ग्रह अपनी कई विशेष कलाओं के कारण नवग्रहों में एक अपनी अलग पहचान बनाये रखता है। किसी भी व्यापार में सफलता के लिए बुध का बली होना आवश्यक होता है। क्योंकि बुध बुद्धि-विवेक और सोच-विचार की शक्ति प्रदान करता है। आज के इस तकनीकी जन-जीवन में बुध ग्रह की एक बहुत बड़ी भूमिका है जो कि जातक को और उसके कार्य क्षेत्रमें सफल बनाने के लिए मार्गदर्शक है।
ज्योतिषाचार्य इंदु प्रकाश जी कहते हैं की किसी भी व्यवसाय के पीछे कोई न कोई ग्रह जरूर छिपा होता है। अगर वह ग्रह अच्छा है तो व्यवसाय फलता-फूलता है और अगर ग्रह कमजोर हो तो कारोबार बंद होने की कगार पर आ जाता है और ऐसी दशा में कारोबार में उतार-चढ़ाव आने लगते हैं। इसलिए किसी भी कारोबार को शुरू करने से पहले ज़रूरी है कि आप किसी भी अच्छे ज्योतिषीय से कारोबार संबंधित कारक ग्रह बुध की भली-भांति निरक्षण कर और साथ ही व्यापार से जुड़े ग्रहों की स्थिति और उसकी दशा के बारे में ज़रूर जान लें कि आपका व्यवसाय कितना फलेगा-फूलेगा या आपके लिए कितना फलदायी साबित होगा।
जातक की जन्मकुंडली में बैठे शुभ बुध ग्रह की अभिव्यक्ति मिलने से व्यक्ति में काम काज करने की समझविकसित होती है। जातक में दूसरों के साथ समझ का दायरा भी विकसित होता है। वह अपनी कार्यक्षमता को अच्छे रूप से दूसरों के समक्ष रखने में कामयाब रहता है। बुध के गुणों में जो भी प्रभाव फलित होते हैं वह उसके अनुकूल स्थिति पर होने से मिल सकते हैं। इसी के अनुरूप यदि बुध के साथ अन्य ग्रहों का सम्बंध बनता जाता है तो उसी के अनुरूप फलों की प्राप्ति भी होती जाती है।
यदि आपके व्यापार में उतार-चढ़ाव व व्यापार शुरू करने से पूर्व व्यापार बंद हो जाता है या आप किसी भी समस्या से परेशान या भौतिक सुखों से वंचित हैं तो आप अपनी जन्मकुंडली के माध्यम से विश्वविख्यात ज्योतिषाचार्य इंदु प्रकाश जी से संपर्क कर अपने बुरे योगों को मालूम कर एक सुखी जीवन यापन कर सकते।
If your business is suffering lows and you want to get it back on track, meet Acharya Indu Prakash who is among the top 10 astrologers