भौमवती अमावस्या करें ये सब कार्य, होगा गौ दान जितना पुण्य

 श्री मंगलयंत्रम्

ऊँ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः

मंगलवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को भौमवती अमावस्या कहा जाता है । देव ऋषी व्यास के अनुसार इस तिथि को सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक की अवधि में स्नान-ध्यान करने से सहस्त्र गौ दान के समान पुण्य फल प्राप्त होता है । इस के अतिरिक्त इस दिन पीपल की परिक्रमा कर, पीपल के पेड़ और श्री विष्णु का पूजन करने से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है और सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है । ध्यान देने की बात है कि यदि अमावस्या के दिन सोम, मंगल या गुरुवार के साथ अनुराधा, विशाखा और स्वाति नक्षत्र का योग बनता है तो यह बहुत पवित्र योग माना जाता है और इस समय किए गए कार्य शुभ फल देते हैं । अगर आप अपने कर्जों से मुक्ति चाहते हैं तो इस दिन तांबे की थाली पर कत्थे की स्याही से मंगल का यंत्र बनाकर पूजा करने से जल्दी ही कर्ज उतर जाता है । एक सूखा नारियल लें तथा उसमे एक छोटा सा छेद करके उसे पिसी चीनी से भर दें, उसके पश्चात् किसी निर्जन स्थान पर जहां चिटीयों की बाॅम्बी बनी हो वहां पर गाड़ दें । बस ध्यान दें की नारियल पर किया गया छेद धरती के उपर ही रहें । यह प्रयोग अनेक आपतियों से बचाता है । प्रयोग करने के बाद वापिस मुड कर न देखें । ऐसा कारने से धन समृद्धि व प्रसन्नता बढ़ेगी । अमावस्या को खीर बनाकर ब्राह्मण को  खिलाने से महान पुण्य की प्राप्ति होती है, जीवन से अस्थिरताएं दूर होती है । इस दिन संध्या के समय पितरों के निमित थोड़ी खीर पीपल के नीचे भी रखनी चाहिए ।

If you are facing problems in your carrier, married life, child problem or any other issue related to your life concern with Acharya Indu Prakash “Worlds Best Astrologer”. He is one of the most recognised experts in the field of Astrology.

For More Details or Information Call – 9971-000-226.

To know more about yourself. watch ‘Bhavishyavani’ show.

Leave a Comment