दशहरा पर अगर हुए इसके दर्शन तो आप पर होगी धन की वर्षा

दशहरे की पवित्र परंपरा : शुभता के प्रतीक नीलकंठ के दर्शन

नीलकंठ तुम नीले रहियो दूध-भात का भोजन करियो हमरी बात राम से कहियो

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इस लोकोक्त‍ि के अनुसार नीलकंठ पक्षी को भगवान का प्रतिनिधि माना गया है।दशहरा पर्व पर इस पक्षी के दर्शन को बहुत ही शुभ और भाग्य को चमकाने वाला माना जाता है। जिसके चलते दशहरे के दिन हर समय व्यक्ति इसी आस में छत पर जाकर आकाश को देखता है कि उन्हें नीलकंठ पक्षी के दर्शन हो जाएं। ताकि साल भर उनके यहां शुभ कार्य का सिलसिला चलता रहे।

इस दिन नीलकंठ के दर्शन होने से घर के धन में वृद्धि होती है और शुभ कार्य घर में होते रहते हैं। सुबह से शाम तक किसी समय नीलकंठ दिख जाए तो देखने वाले के लिए बहुत ही शुभ होता है।

कहते है कि श्रीराम जी ने इस पक्षी के दर्शन के बाद ही रावण पर विजय प्राप्त की थी। विजय दशमी जीत का पर्व है।

दशहरे पर नीलकंठ के दर्शन की परंपरा बरसों से जुड़ी है। लंका जीत के बाद जब भगवान राम को ब्राह्मण हत्या का पाप लगा था। भगवान राम ने अपने भाई लक्ष्मण के साथ मिलकर भगवान शिव की पूजा अर्चना की एवं ब्राह्मण हत्या के पाप से खूद

Image result for dussehra को मुक्त कराया। तब भगवान शिव नीलकंठ पक्षी के रुप में धरती पर पधारे थे। नीलकण्ठ मतलब जिसका गला नीला हो |

धर्मशास्त्रों के मुताबिक भगवान शंकर ही नीलकण्ठ है। इस पक्षी को पृथ्वी पर भगवान शिव का प्रतिनिधि और स्वरूप दोनों माना गया है। नीलकंठ पक्षी भगवान शिव का ही रुप है। भगवान शिव नीलकंठ पक्षी का रूप धारण कर धरती पर विचरण करते हैं।

किसानों का मित्र :-   वैज्ञानिकों के अनुसार यह भाग्य विधाता होने के साथ-साथ किसानों का मित्र भी है क्योंकि सही मायने में नीलकंठ किसानों के भाग्य का रखवाला भी होता हैजो खेतों में कीड़ों को खाकर किसानों की फसलों की रखवाली करता है।

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