
आने वाली तारीख़ 19 अप्रैल 2026 (रविवार) और 9 मई 2027 (रविवार) को वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि, अक्षय तृतीया (Akshay Tritiya) के रूप में मनाई जाएगी। इसे आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इसी दिन त्रेता युग की शुरुआत हुई थी। इस दिन विशेष रूप से शुभ कार्य, दान, तर्पण और पिंडदान की परंपरा है।
अक्षय तृतीया का महत्व
- पितरों के लिए तर्पण और पिंडदान: इस दिन पितरों के निमित्त तर्पण और पिंडदान करने की परंपरा है। विशेष रूप से घट दान (जल से भरे हुए मिट्टी के बर्तन का दान) करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- क्षमा प्रार्थना का दिन: अक्षय तृतीया को अपराधों की क्षमा मांगने का दिन माना गया है। इस दिन आप अपने या अपने अपनों के द्वारा जाने-अनजाने में किए गए अपराधों या गलतियों के लिए क्षमा मांग सकते हैं।
- मातंगी जयंती: इस दिन मातंगी देवी की जयंती भी मनाई जाती है। मातंगी देवी दस महाविद्याओं में से एक देवी हैं।
- परशुराम जयंती: इसी दिन परशुराम जी का जन्म हुआ था। सूर्यास्त के तुरंत बाद परशुराम जी की प्रतिमा की पूजा की जाती है।
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