कौन है आपका इष्ट देव ?

इष्ट देव (Ishta Devta) या देवी का निर्धारण हमारे जन्म-जन्मान्तर के संस्कारों से होता है। ज्योतिष में जन्म कुंडली के पंचम भाव से पूर्व जन्म के संचित धर्म, कर्म, ज्ञान, बुद्धि, शिक्षा, भक्ति और इष्टदेव का बोध होता है। यही कारण है अधिकांश विद्वान इस भाव के आधार पर इष्टदेव का निर्धारण करते है। नवम् भाव से उपासना के स्तर का ज्ञान होता है। हालांकि यदि आप अपने इष्ट देव निर्धारण नहीं कर पा रहे तो बिना किसी कारण के ईश्वर के जिस स्वरुप की तरफ आपका आकर्षण हो, वही आपके इष्ट देव (Ishta Devta) हैं ऐसा समझकर पूजा उपासना करना चाहिए या आप अपनी राशि के अनुसार अपने ईष्ट देव की पूजा कर सकते हैं ।

अपने इष्ट देव को आप कैसे प्रसन्न कर सकते है जानें आचार्य इंदु प्रकाश जी से परामर्श प्राप्त कर |

राशि के अनुसार इष्टदेव (Ishta Devta)

– मेष- मेष राशि वाले लोग सूर्य देव की पूजा करें।

– वृष- वृष राशि वालों के लिए विष्णु जी की पूजा करना शुभ रहेगा।

– मिथुन- मिथुन राशि वाले लोग माता लक्ष्मी की पूजा करें।

– कर्क – कर्क राशि वाले लोग हनुमान जी का पूजन करें।

– सिंह- सिंह राशि वाले लोग गणेश जी को अपना इष्ट मानकर पूजा करें।

– कन्या- कन्या राशि वाले लोग मां काली का पूजन करना लाभकारी रहेगा।

– तुला- तुला राशि के लोग कालभैरव या शनि देव की पूजा करें।

– वृश्चिक- वृश्चिक राशि के जातक कार्तिकेय जी की पूजा करें।

– धनु- धनु राशि के जातक हनुमान जी की पूजा करें।

– मकर- मकर राशि के लोगों के लिए दुर्गा जी की पूजा करना लाभकारी रहेगा।

– कुम्भ- कुम्भ राशि के जातक विष्णु जी या सरस्वती जी की पूजा करें।

– मीन- मीन राशि वाले लोग शिव जी की पूजा करें तथा पूर्णिमा के चाँद को अध्र्य देकर दर्शन करें।

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