March 2019

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माता कूष्माण्डा देवी

नवरात्र-पूजन के चौथे दिन कूष्माण्डा देवी का पूजन किया जाता है। मान्यता है की इसी देवी की हंसी से ब्रह्मांड की उत्पत्ति हुई थी | बहुत समय पहले जब हमारी सृष्टि का कोई नामो निशान  नही था तब हर तरफ अँधेरा ही अँधेरा था | तब माता ने अपनी मंद हंसी से हमारी सृष्टि की […]

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क्या आपको भी पैसों संबंधी किसी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है ?

अगर पैसों के मामले में आपको असमंजस की स्थिति महसूस हो रही है या आपको लगता है कि कोई व्यक्ति आपका पैसा आपसे खींचने की कोशिश कर रहा है या कुछ दिनों से आपका बिना वजह खर्चे पर खर्चा हुआ जा रहा है या फिर कोई तीसरा व्यक्ति आपके काम में अडंगा डालने की कोशिश

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आपकी कुंडली में लिखा है आपकी मृत्यु का राज़

ज्योतिषशास्त्र के द्वारा जन्मकुंडली में बने सत्य घटना मृत्यु के बारे में सभी लोग जानते होंगे की जिसने जन्म लिया है उसकी मृत्यु निश्चित ही है| मृत्यु को कोई न रोक सकता न कोई टाल सकता है जो जन्मा है तो उसका मरना भी लिखा है| हमारे प्राचीन ऋषि-महर्षियों ने ज्योतिष की गणना के आधार

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क्यों नहीं करना चाहिए होलाष्टक में शुभ कार्य

शास्त्रों के अनुसार होलाष्टक (Holashtak) में शुभ कार्यों का प्रारंभ नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से कष्ट और पीड़ाओं की आशंका घेरती है और संबंधों में खटास भी आ सकती है। इस तरह की परेशानियों से बचने के लिए इन दिनों में शुभ कार्यों का निषेध किया गया है। फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष

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शत्रु से मुक्ति पाने के लिए होलाष्टक उपाय

हर व्यक्ति की जिंदगी में कोई ना कोई शत्रु जरूर होता है। कोई शत्रु प्रत्यक्ष रूप से परेशान करता है तो कोई अप्रत्यक्ष रूप से। हर व्यक्ति चाहता है कि उसे उसके शत्रु से छुटकारा मिले और शत्रु द्वारा उत्पन्न की गई परेशानी को नाकाम करें। इसके लिए वह बहुत मेहनत करता है लेकिन किन्हीं

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किस कारण होता है किन्नरों का जन्म

प्रकृति में नर नारी के अलावा एक अन्य वर्ग भी है| जो न तो पूरी तरह नर होता है और न नारी। इन लोगों को हम किन्नर या हिजड़ा कहते हैं। आज के समय में इन्हें थर्ड जेंडर की संज्ञा मिली है। वैसे प्राचीन काल से इनका अस्तित्व रहा है। पुराने ग्रन्थों जैसे महाभारत में

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अशुभ चंद्र ग्रह से होने वाली अनेकों बीमारियाँ

इस मानव जगत में हर व्यक्ति चाहता है, की जीवन में हर प्रकार से मेरा समय खुशियाँ से भरा रहे और मैं सुखी जीवन यापन करता रहूँ | परन्तु ज्योतिषीय ग्रह गणित द्वारा अशुभ ग्रहों की चाल ऐसा कहाँ सुख होने देती है | कहीं न कहीं अपना अशुभ प्रभाव जातक के उपर बनाये रखती

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क्या हैं गठिया रोग के उपाय

” पहला सुख निरोगी काया” देखा जाय तो प्रतिस्पर्धा के इस युग में व्यक्ति अपने कर्म पर अधिक ध्यान देने लगा है और भौतिक जीवन में सुखमय रहना चाहता है,  जिससे उसकी दिनचर्या प्रभावित भी होती है। खानपान में अनियमितता के कारण किसी रोग का प्रकोप हो जाता है। ज्योतिषाचार्य इंदु प्रकाश जी कहते हैं कि

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कैसे बनाएँ दांपत्य जीवन को सुगम

भारतीय पौराणिक कथाओं के अनुसार चंद्र देव को सभी पूजनीय देवताओं में से एक मुख्य स्थान प्राप्त है। चन्द्रमा को जल तत्व का देव भी कहा जाता है। चंद्र ‘नवग्रह’ का एक महत्वपूर्ण ग्रह भी है, जो पृथ्वी पर रह रहे जीवात्मा को अपने बल से प्रभावित बनाये रखता है। चंद्रमा को अनुकूल ग्रह माना

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समस्त ग्रहों में परम-पराक्रमी सूर्य ग्रह का प्रभाव

भारतीय ज्योयतिष शास्त्र के अनुसार समस्तर ग्रहों का राजा परम तेजस्वीर सूर्य को माना जाता है। सूर्य की श्रेष्ठयता को देखते हुए प्राचीन आचार्यों ने इसे जगत-जीवात्मा की संज्ञा दी है। भारतीय वेद – पुराण, जो कि हिन्दु‍ धर्म के सबसे पुराने लिखित इतिहास के निम्न आलेख मिलते है। कि दक्ष प्रजापति की दिति एंव

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