माता कालरात्रि

नवरात्रि(Navratri) के सातवें दिन माँ कालरात्रि की उपासना की जाती है । मां कालरात्रि का स्वरूप देखने में अत्यंत भयानक है, देवी काल रात्रि ही महामाया हैं और भगवान विष्णु की योगनिद्रा हैं । इन्होंने ही सृष्टि को एक दूसरे से जोड़ रखा है । देवी काल-रात्रि का वर्ण काजल के समान काले रंग का है, जो अमावस की रात्रि से भी अधिक काला है । मां कालरात्रि के तीन बड़े-बड़े उभरे हुए नेत्र हैं, जिनसे मां अपने भक्तों पर अनुकम्पा की दृष्टि रखती हैं । दुर्गा सप्तशती के प्रधानिक रहस्य में बताया गया है कि जब देवी ने इस सृष्टि का निर्माण शुरू किया और ब्रह्मा, विष्णु एवं महेश का प्रकटीकरण हुआ ।

माता कालरात्रि का संबंध शनि ग्रह से है और जिन जातक के कुंडली में शनि ग्रह खराब चल रहा है, उनको मकान बनवाने मे बार-बार बाधा आना (Properties), विवाह होते ही ससुराल या स्वंय की आर्थिक स्थिति कमजोर होना (Marriage and Finance), कमर दर्द होना (Back Pain), विद्यार्थियों का पढ़ाई में मन न लगना (Read), व्यवसाय में लगातार हानि (Business), अचानक ट्रांसफर हो जाये (Transfer), नौकरी छूट जाये (Job), घर में क्लेश बना रहे (Home problems), मित्रों (Friends) से बेवजह विवाद व सम्बन्ध विच्छेद हो जाये तो इसका मतलब शनि अशुभ फल दे रहा है । इससे बचाने के लिए तुरंत पहने शनि यंत्र या जमुनिया रत्न जो आपको इन सारी परेशानियों से तुरंत छुटकारा दिलाएगा । शनि यंत्र आपको www.astroeshop.com पर उपलबद्ध है जो आपको आसनी से मिल जाएगा । इसके अलावा आप किसी भी प्रकार के यंत्र या स्टोन लेना चाहते है तो आप हमे भी कॉल कर सकते है । इन नंबरों पर 0124-4383225, 9971000225, 9971000226

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