माँ दुर्गा की आठवीं शक्ति का नाम महागौरी है । इनके गौरता की उपमा शंख, चन्द्र और कुंद के फूल से दी गई है । इन्होने भगवान शिव को पति-रूप में प्राप्त करने के लिए बड़ी कठोर तपस्या की थी, जिस कारण इनका शरीर काला पड़ गया ।
इनकी तपस्या से प्रसन्न और संतुष्ट होकर जब भगवान शिव ने इनके शरीर को गंगाजल से धोया तो इनका स्वरूप विद्युत प्रभा के समान अत्यंत कान्तिमान गौर हो उठा । तभी से इनका नाम महागौरी पड़ा । नवरात्रि के आठवें दिन यानि अष्टमी को माता महागौरी की पूजा – श्वेते वृषे समारुढा श्वेताम्बरधरा शुचिः । महागौरी शुभं दघान्महादेवप्रमोददा । मंत्र का जाप करते हुये करे ।
इनका संबंध राहू ग्रह से है और जातक की कुण्डली में राहू की महादशा 18 साल की होती है, जो छह-छह साल के तीन भाग में हैं । कुंडली में राहू खराब होने पर जातक को गैस, एसिडिटी (Acidity), जोड़ों में दर्द (Joint pain) और वात रोग से संबंधित अन्य समस्याएं खड़ी हो जाती हैं । इसलिए जिनके जीवन में राहू संबंधी परेशानियाँ चल रही हैं वो जल्द से जल्द राहू यंत्र या गोमेद धारण करें, राहू यंत्र आपको AstroEshop पर आसानी से और बहुत ही कम दाम मे मिल जायेगा या आचार्य इन्दु प्रकाश जी द्वारा सिद्ध किया हुया यंत्र इस नंबर 9971000225 पर कॉल करके हमसे भी मगा सकते है ।
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