अभी इस दौरान अग्रायण मास चल रहा है जो की आने वाली तारिक 23 दिसम्बर तक रहेगा | इस दौरान 10 दिसम्बर को पिशाचमोचन श्राद्ध भी किया जाएगा | अग्रायण यानि मार्गशीर्ष मास के दौरान यह श्राद्ध करने की परम्परा है | पिशाचमोचन (Pishach) श्राद्ध वह खास दिन होता है, जिस दिन उन लोगों का श्राद्ध किया जाता है जिनकी मृत्यु अकाल या किसी दुर्घटना में हुई हो | ऐसा करने से अकाल मृत्यु वालों की आत्मा को मुक्ति मिलती है। साथ ही आपको श्राद्ध करने पर भूत-प्रेत या किसी भी अन्य प्रकार के भय और इसके साथ पितृ दोष (pitra dosh) से मुक्ति मिलती है |
इनके बारे में गहराई से जानें तो हमारे खाना खाने पर पोषक तत्व शारीर की कोशिकाओं में मौजूद माइटोकॉण्ड्रिया में पंहुचते हैं, जो की कोशिका को उर्जा प्रदान करता है | उर्जा प्रदान करते समय, इस प्रक्रिया में कुछ तत्व कोशिका से अलग हो जाते हैं | फिर यही तत्व बाहर निकल कर हमारे शारीर के आस पास एक घेरा बनाते हैं जिसे हम औरा कहते हैं | हर इन्सान की अपनी एक औरा होती है और इसी औरा से दूसरों का मन आपसे मिलने पर खुशनुमा या निराशावादी होता है |

जब किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है तो यह हमारे अंगूठे के आकर की हो जाती है इस प्रक्रिया में कुछ पलों का वक्त लगता है जिसे हम प्रेत कहते हैं | लेकिन अगर किसी व्यक्ति की अचानक मृत्यु हो जाये तो उसके शारीर को इतना वक्त नहीं मिल पाता की वह इस प्रक्रिया को पूरा कर सके | ऐसा होने पर औरा हमारे शारीर के आकार के जितनी बड़ी ही बाहर आ जाती है| जिसे पिशाच (Pishach) कहा जाता है |
यही पिशाच अपनी तृप्ति के लिए दूसरों के शरीर में घुसने की कोशिश करते हैं | ऐसा होने पर व्यक्ति बहुत गुस्सैल और बेचैन हो जाता है |
आज के दिन अगर आप काशी के पिशाचमोचन सरोवर में पित्रों (pitra dosh) का श्राद्ध करते हैं तो आपको पितृ दोष से मुक्ति मिलेगी साथ ही किसी भी प्रकार का भय आपके मन में घर नहीं करेगा |
इस दिन कुछ उपाय कर के भी आप पिशाचमोचन श्राद्ध (Pishach) का लाभ प्राप्त कर सकते हैं |
– अगर आप आज के दिन पित्रों के लिए व्रत करते हैं तो ऐसा करने से आपके परिवार की खुशियाँ बरकरार रहेंगी|
– आज के दिन काशी के पिशाचमोचन कुंड में अपने पित्रों का श्राद्ध करें अगर ऐसा करना संभव नहीं है तो किसी ब्राह्मण को भोजन कराएं और इसके पश्चात कुछ दक्षिणा देकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
– पितृ दोष (pitra dosh) से मुक्ति पाने के लिए, आज के दिन पीपल के पेड़ में जल अर्पित करें और हाथ जोड़कर अपने पितरों का ध्यान करते हुए प्रार्थना करें।
अगर आपके लिए ये उपाय करना भी संभव नहीं है तो भुत-प्रेत बाधा निवारण यंत्र धारण करना आपके लिए लाभकारी होगा | अगर आपको भूत प्रेत का भय सताता हो या आपकी कुंडली में पितृ दोष हो तो आपको यह यंत्र अवश्य धारण करना चाहिए | इसे धारण करने से आपके परिवार में शुख शांति प्राप्त होगी और किसी भी प्रकार के भय से मुक्ति मिलेगी |