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सेहत ही नहीं किस्मत के लिए भी लाभदायक होते है लौंग

लौंग का प्रयोग अधिकतर लोग सेहत और स्वाद के लिए करते है लेकिन पूजा के कई कामों में भी लौंग का बहुत उपयोग किया जाता है। तंत्र मंत्र में भी इसके चमत्कारी फायदे होते हैं, जानिए कुछ लौंग के उपाय। पहला उपाय – बिगड़े काम बनायेंगे लौंग : अगर किसी काम में सफलता पाना चाहते हैं […]

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शरद पूर्णिमा पर करिए धन के राजा कुबेर को प्रसन्न, पढ़ना होगा छोटा सा मंत्र

कुबेर धन के राजा हैं। पृथ्वीलोक की समस्त धन संपदा का उन्हें ही स्वामी बनाया गया है। कुबेर भगवान शिव के प्रिय सेवक भी हैं। धन के राजा होने के कारण इन्हें शरद पूर्णिमा की रात मंत्र साधना द्वारा प्रसन्न करने का विधान बताया गया है। मंत्र – ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन धान्याधिपतये धन

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सुपारी के ऐसे उपाय, जो मिटा देंगे आपकी मुसीबत

जब सुपारी की विधि पूर्वक पूजा की जाती है तो वह चमत्कारी हो जाता है। अगर आप इस चमत्कारी सुपारी को हमेशा अपने पास रखते हैं तो जीवन में कभी धन की परेशानी नहीं रहती है। आइए जानें सुपारी के उपाय। पूजा की सुपारी पर जनेऊ चढ़ाकर जब पूजा जाता है तो यह अखंडित सुपारी

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दशहरा पर अगर हुए इसके दर्शन तो आप पर होगी धन की वर्षा

दशहरे की पवित्र परंपरा : शुभता के प्रतीक नीलकंठ के दर्शन नीलकंठ तुम नीले रहियो दूध-भात का भोजन करियो हमरी बात राम से कहियो इस लोकोक्त‍ि के अनुसार नीलकंठ पक्षी को भगवान का प्रतिनिधि माना गया है।दशहरा पर्व पर इस पक्षी के दर्शन को बहुत ही शुभ और भाग्य को चमकाने वाला माना जाता है।

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नवरात्र के नवे दिन की पूजा और कन्या पूजन की विधि

नवम नवदुर्गा: माता सिद्धिदात्री नवरात्रि के नौवें दिन माँ सिद्धिदात्री की आराधना की जाती है। सिद्ध माने मोक्ष और माँ सिद्धिदात्री माने मोक्ष प्रदान करने वाली। नवरात्र में विशेष तौर पर मां के नौ स्‍वरूपों की पूजा का विधान है। आज नवरात्री का आखिरी दिन है और आज के दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व

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माता महागौरी की पूजा कर मनाएं दुर्गा अष्टमी

अष्टम नवदुर्गा: माता महागौरी नवरात्रि के आठवें दिन माँ महागौरीजी की पूजा करी जाती है। मान्यताओं के अनुसार भगवान् शिव जी की तपस्या करते हुए माँ का शरीर धूल भरा हो गया | यह देख शिव जी बहुत ही प्रसन्न हुए और माँ गौरी को गंगा जल से साफ़ किया जिसकी वजह से माता रानी का

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नवरात्र के छठे दिन करें मां कात्यायनी की पूजा

छठा नवदुर्गा : देवी कात्यायनी नवरात्रि के छठे दिन माँ कात्यायनी की आराधना की जाती है। महर्षि कात्यायन की कठिन तपस्या के फल स्वरुप में माँ ने कात्यायन के घर जन्म लिया जिसके कारण माता रानी का नाम कात्यायनी पड़ा। कात्यायनी माता की आरती जय जय अम्बे जय कात्यानी| जय जग माता जग की महारानी||

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पांचवे नवरात्र पर स्कंदमाता को पूजें

स्कंदमाता रानी की चार भुजाएं हैं जिनमें से माता रानी ने अपने दो हाथों में कमल का फूल पकड़ा हुआ है। उनकी एक भुजा ऊपर की ओर उठी हुई है, जिससे माता रानी भक्तों को आशीर्वाद देती हैं और एक हाथ से उन्होंने गोद में बैठे अपने पुत्र स्कंद को पकड़ा हुआ है। माता रानी कमल

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नवरात्र के चौथे दिन करें माता कुष्मांडा की अर्चना

चतुर्थी नवदुर्गा: माता कूष्मांडा नवरात्र के चौथे दिन माँ कुष्मांडा की आराधना की जाती है। अपनी छोटी सी हसी से ब्राह्मण की रचना करने के कारण माता का नाम कुष्मांडा पड़ा। माँ कुष्मांडा की 8 भुजाये है जिसके कारण इन्हे अष्ट भुजा देवी भी कहा जाता है। कूष्मांडा माता की आरती कुष्मांडा जय जग सुखदानी।

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दुसरे नवरात्र के दिन करें ब्रह्मंचारिणी की पूजा

द्वितीय नवरात्र : माता ब्रह्मचारिणी नवरात्री में माता रानी के नौ स्वरुपों में दूसरा स्वरुप है माँ ब्रह्मचारिणी। माँ ब्रह्मचारिणी जी का विवाह शिव जी से होने के कारण माता रानी का नाम ब्रह्मचारिणी पड़ा। ब्रह्मचारिणी दो शब्दों से मिलकर बना ब्रह्मा यानि तपस्या और चारिणी मतलब आचरण करने वाली। ब्रह्मचारिणी का पूरा अर्थ है

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