आध्यात्मिक

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कीजिये स्कंद षष्ठी का व्रत : अच्छी नोकरी प्राप्त होगी |

अगर आप लंबे समय से संतान सुख से वंचित हैं। घर में कोई संतान न होने से निराश और हताश महसूस कर रहे हैं या आपकी नौकरी छूट गई है तो ये आपके लिये विशेष है। इस दिन स्कंद षष्ठी का व्रत रखा जायेगा। यह व्रत आपके लिये किसी वरदान से कम नहीं | मार्गशीर्ष […]

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श्री राम विवाह पचंमी – क्या इस दिन विवाह करना चाहिए ?

“देखन बागु कुअँर दुइ आए। बय किसोर सब भाँति सुहाए। स्याम गौर किमि कहौं बखानी। गिरा अनयन नयन बिनु बानी।।” मार्गशीर्ष मास शुक्ल पक्ष की पंचमी को विवाह पचंमी का पर्व मनाया जाता है जिसे श्री राम विवाह उत्सव भी कहते है। धर्म ग्रंथों के अनुसार इस तिथि को भगवान राम ने जनकनंदिनी सीता से

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पोंगल त्यौहार का क्या महत्व है ?

हरियाली ओढ़े भये, खेत जोहते बाट हमें शहर को ले गयी, भूख पकड़कर हाथ सूर्य का मकर राशि में प्रवेश पोंगल के नाम से जाना जाता है। दक्षिण भारत में मनाया जाने वाला त्यौहार पोंगल तमिलनाडु राज्य में बड़े धूम धाम से मनाया जाता है। सूर्य को अन्न धन का दाता मान कर चार दिनों

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बुध व्रत – चुटकी में बिगड़े काम बनेंगे

8 फरवरी, चुटकी में काम बनाने का दिन 24 फरवरी, दाम्पत्य जीवन को सुखी बनाने का दिन   प्रदोष व्रत प्रत्येक महीने की दोनों त्रयोदशी को पड़ता है। बुधवार को पड़ने वाले प्रदोष को बुध प्रदोष और शुक्रवार को पड़ने वाले प्रदोष को शुक्र प्रदोष व्रत कहते हैं । इस बार 8 फरवरी को बुध

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भक्तराज पुंडरीक

भक्तराज पुंडरीक पंढरपुर महाराष्ट्र राज्य का एक प्रसिद्ध नगर और तीर्थ स्थल है जो दक्षिणी राज्य महाराष्ट्र में भीमा नदी के तट पर शोलापुर नगर में स्थित है। यहां एक विशाल मंदिर बना हुआ है जिसमें विट्ठल या विठोबा के रुप में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है । मंदिर में श्री विट्ठल भगवान

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रथ सप्तमी – क्या है इस दिन स्नान का महत्व

3 फरवरी को सूर्य को अर्घ देकर अपने गुरु को अचला गिफ्ट करें और गेहूं-गुड़ से बना गुडधनियां ब्राह्मण को दान करें व स्वयं भी प्रसाद रुप में ग्रहण करें तो आप ऊर्जावान बने रहेगें । इससे साथ ही आपकी सन्तान की वृद्धि के साथ-साथ उसे तीव्र बुद्धि प्राप्त होगी | रथ सप्तमी प्रति वर्ष

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रति काम महोत्सव – उत्सव प्रेम का

शास्त्रों में कामदेव के शरीर के अलग-अलग भागों को विभिन्न संज्ञाएं दी गई हैं । कामदेव के नयनों को बाण या तीर, भौहों को कमान की संज्ञा दी है । ये शांत होती हैं, लेकिन इशारों में ही अपनी बात कह जाती हैं। बसंत पंचमी से होली तक का समय रतिकाम महोत्सव कहा गया है

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भौमवती अमावस्या करें ये सब कार्य, होगा गौ दान जितना पुण्य

 श्री मंगलयंत्रम् ऊँ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः मंगलवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को भौमवती अमावस्या कहा जाता है । देव ऋषी व्यास के अनुसार इस तिथि को सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक की अवधि में स्नान-ध्यान करने से सहस्त्र गौ दान के समान पुण्य फल प्राप्त होता है । इस के अतिरिक्त

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रंगपंचमी भारत के अलग जगहों में किस तरह से मनाई जाती है |

चाहे मथुरा, वृंदावन, बरसाने और बनारस की बात ले लें या फिर बारबंकी में सूफी संत हाजी वारिस अली शाह की दरगाह की, भारत के हर कोने में अलग-अलग सभ्यताओं का मिलन देखने को मिलता है | चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी के दिन रंग पंचमी का यह त्योहार मनाया जाता है । रंग

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हर रंग का क्या महत्व होता है |

होली आई बहार लाई, संग रंगों की बौछार लाई लाल गुलाबी हरा नीला, और सब है यहां पीला-पीला होली को अगर हम अंग्रेजी के सापेक्ष में देखें तो इसका मतलब होता है पवित्रता । यह पवित्रता है इस प्रकृति की, पवित्रता इस धरती की, हमारी पौराणिक संस्कृति की और सबसे खास होली के ढेर सारे

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