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नवरात्र के छठे दिन करें मां कात्यायनी की पूजा

छठा नवदुर्गा : देवी कात्यायनी नवरात्रि के छठे दिन माँ कात्यायनी की आराधना की जाती है। महर्षि कात्यायन की कठिन तपस्या के फल स्वरुप में माँ ने कात्यायन के घर जन्म लिया जिसके कारण माता रानी का नाम कात्यायनी पड़ा। कात्यायनी माता की आरती जय जय अम्बे जय कात्यानी| जय जग माता जग की महारानी|| […]

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पांचवे नवरात्र पर स्कंदमाता को पूजें

स्कंदमाता रानी की चार भुजाएं हैं जिनमें से माता रानी ने अपने दो हाथों में कमल का फूल पकड़ा हुआ है। उनकी एक भुजा ऊपर की ओर उठी हुई है, जिससे माता रानी भक्तों को आशीर्वाद देती हैं और एक हाथ से उन्होंने गोद में बैठे अपने पुत्र स्कंद को पकड़ा हुआ है। माता रानी कमल

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नवरात्र के चौथे दिन करें माता कुष्मांडा की अर्चना

चतुर्थी नवदुर्गा: माता कूष्मांडा नवरात्र के चौथे दिन माँ कुष्मांडा की आराधना की जाती है। अपनी छोटी सी हसी से ब्राह्मण की रचना करने के कारण माता का नाम कुष्मांडा पड़ा। माँ कुष्मांडा की 8 भुजाये है जिसके कारण इन्हे अष्ट भुजा देवी भी कहा जाता है। कूष्मांडा माता की आरती कुष्मांडा जय जग सुखदानी।

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दुसरे नवरात्र के दिन करें ब्रह्मंचारिणी की पूजा

द्वितीय नवरात्र : माता ब्रह्मचारिणी नवरात्री में माता रानी के नौ स्वरुपों में दूसरा स्वरुप है माँ ब्रह्मचारिणी। माँ ब्रह्मचारिणी जी का विवाह शिव जी से होने के कारण माता रानी का नाम ब्रह्मचारिणी पड़ा। ब्रह्मचारिणी दो शब्दों से मिलकर बना ब्रह्मा यानि तपस्या और चारिणी मतलब आचरण करने वाली। ब्रह्मचारिणी का पूरा अर्थ है

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पहले नवरात्री में किन देवी को पूजा जाता है ?

पहला नवरात्र : माता शैलपुत्री नवरात्री में माता जी के नौ स्वरूपों में पहला स्वरुप है माँ शैलपुत्री। हिमालय के घर पुत्री स्वरुप जन्म लेने के कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ा। नवरात्री में माँ शैलपुत्री को ही पहले दिन पूजा जाता है। शैलपुत्री माता रानी की आरती। शैलपुत्री मां बैल असवार। करें देवता जय जयकार।

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जानिये क्या है नीलम रत्न के फायदे और नुकसान ?

नौ ज्योतिषीय रत्नों में से नीलम सबसे प्रभावी और सबसे जल्दी असर करने वाला रत्न हैं। नीलम रत्न धारण वालो के लिए नीलम रत्न धन में लाभ, समस्या का समाधान, अप्रत्याशित लाभ आदि के साथ तुरंत प्रभाव दिखाता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, नीलम शनि का रत्न है। शनि एक दैत्य ग्रह है और शनि

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बुधवार को क्यों पूजे जाते हैं श्री गणेश?

मान्यता है कि यदि बुधवार के दिन भगवान श्री गणेश की पूजा की जाये तो भगवान गणेश जी का आशीर्वाद अवश्य मिलता है। प्रत्येक शुभ कार्य में सबसे पहले भगवान गणेशजी की ही पूजा की जानी अनिवार्य बताई गयी है। देवता भी अपने कार्यों की बिना किसी विघ्न के पूरा करने के लिए गणेश जी

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रविवार व्रत कथा और उसकी विधि

रविवार का दिन सप्ताह के दिनों में खास अहमियत रखता है। सूर्य देवता जो जीवन में ऊर्जा का संचार करते हैं। सूरज की हर पहली किरण को उम्मीद की नई किरण के रूप में देखा जाता है। इन्हीं सूर्य देव का एक नाम रवि भी है। रविवार सूर्य देवता का दिन है। मान्यता है कि

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हैं शनि दोष से पीड़ित तो करें ये उपाय ?

जीवन में ग्रहों का प्रभाव बहुत प्रबल माना जाता है और उस पर भी शनि ग्रह अशांत हो जाएं तो जीवन में कष्टों का आगमन शुरू हो जाता है| इसलिए शनि दोष से पीड़ित जातकों को शनिवार के दिन शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए उनका पूजन और व्रत रखना  चाहिए! शुद्ध स्नान करके पुरुष

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