December 2018

कैसे लगाया जा सकता है व्यक्ति की योग्यताओं का अनुमान

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सम्पूर्ण विश्व में प्रसिद्ध भारतीय अखंड ज्योतिषशास्त्र के माध्यम से जातक की जन्मकुंडली देखकर उसकी योग्यता का सहज अनुमान लगाया जा सकता है। ज्योतिषशास्त्र में जन्मकुंडली का विश्लेषण सबसे आवश्यक और प्रारंभिक कार्य माना जाता है। वर्तमान समय के भौतिक परिवेश में किसी व्यक्ति के करियर में श्रेष्ठतम सफलता ही उसके सामाजिक सम्मान और प्रतिष्ठा […]

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कैसे कर देता है व्यक्ति को प्रभावित जन्मकुंडली में बना कालसर्प दोष

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार काल सर्प दोष को एक अशुभ योग कहा जाता है माना जाता है कि यदि किसी जातक की जन्मकुंडली में राहु और केतु ग्रह के बीच में सभी ग्रह आ जाए तो काल सर्प योग बनता है। कालसर्प योग को ज्योतिषशास्त्र व धर्म शास्त्र के अनुसार पूर्वजन्मों का कर्म कहा जाता है।

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जानिये किस वार को कौन सा तिलक लगाना माना जाता है शुभ

हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार हर वार- तिथि का अपना-अपना एक विशेष महत्व होता है जो व्यक्ति को अपने प्रभाव से घेरे रखता है आज जानते है ज्योतिषशास्त्र व धर्म शास्त्र के अनुसार कि किस वार को कौन सा तिलक लगाना शुभ माना जाता है | सोमवार – सोमवार का दिन भगवान शंकर का दिन

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जन्मकुंडली में अशुभ चंद्र ग्रह के प्रभाव से दिल-दहलाने वाली बीमारियाँ

मानव जीवन में हर व्यक्ति चाहता है कि मेरा जीवन सदैव हर प्रकार से खुशियाँ से भरा रहे और में एक सुखी जीवन यापन करता रहूँ परन्तु ग्रहों की चाल ऐसा कहाँ होने देती जो की सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में अपना दब-दवाव बनाये रखती है। भारतीय फलित ज्योतिष गणना के अनुसार ग्रह कहीं न कहीं से

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क्यों माना जाता है मलमास (खरमास) को मांगलिक कार्यों के लिए निषेध?

भारतीय ज्योतिष शास्त्र और खंड प्रत्यक्ष शास्त्र के अध्ययन के अनुसार मलमास (जिसे खरमास या खरदोष भी कहा जाता है) विशेष महत्व रखता है। माना जाता है कि इस अवधि में विवाह, गृहप्रवेश, जनेऊ संस्कार, देव प्राण प्रतिष्ठा, मुंडन संस्कार, मकान निर्माण और अन्य मांगलिक कार्यों का निषेध होता है। मलमास हर साल सूर्यदेव के

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क्यों आता है व्यक्ति के चलते व्यापार में उतार-चढ़ाव

जानिए बुध ग्रह और आपकी कुंडली के गहरे रहस्य भारतीय अखंड ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बुध ग्रह (Mercury) को व्यापार, वाणी, बुद्धि और तर्कशक्ति का कारक ग्रह माना गया है। बुध अपनी विशेष कलाओं और तीव्र बुद्धिमत्ता के कारण नवग्रहों में एक अलग पहचान रखता है। किसी भी व्यापारी या बिजनेस करने वाले व्यक्ति के

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नहीं किया जाता है इन पांच नक्षत्रों में शुभ-अशुभ काम

भारतीय ज्योतिष शास्त्र को प्राचीन काल से जातक के मार्गदर्शक रूप में सदैव सर्वोपरि माना गया है जो की हर मानव प्राणी को प्रभावित करता है ज्योतिषशास्त्र का सम्पूर्ण ज्ञान 27 नक्षत्रों में समाहित है इनमें से अंत के पांच नक्षत्रों को पंचक का नाम दिया है जिसे अशुभ नक्षत्र माना जाता है कहा जाता

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आखिर क्यों माना जाता है एक मुखी रुद्राक्ष को कल्याणकारी

भारतीय पौराणिककथाओं के अनुसार भगवान शिव को सम्पूर्ण संसार का कल्याणकारी देव ˜माना जाता है। भगवान शिव के द्वारा ही उत्पन्न प्रत्यक्ष रूप में एक मुखी रुद्राक्ष मानव जीवन को सुखमय व कल्याणकारी बनाने के लिए प्रकट किया। इस एक मुखी रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव ने अपने नेत्रों से भू धरा पर गिरे प्रथम

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जन्मकुंडली के प्रथम भाव में सूर्य ग्रह का प्रभाव

भारतीय अखण्ड ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मानव जीवन में सूर्य ग्रह का विशेष महत्व है। हिन्दू धर्म में सूर्य को तेजोमयी देव का स्वरूप मानकर इनकी विधि  विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। यह ग्रह धरती पर ऊर्जा का सबसे बड़ा प्राकृतिक अद्भुद स्रोत है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार सूर्य को सभी ग्रह , नक्षत्रों

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ज्योतिषशास्त्र के अनुसारकिन-किन लोगों को मिलता है अपना मनचाहा प्रेम

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति की जन्मकुंडली में एक ऐसा स्थान (भाव) होता है जिसे हर कोई भी व्यक्ति प्राप्त करना चाहता है। यह न उम्र देखता है ना जाति-पाती का बंधन। थोड़ा सा अनुकूल वातावरण मिलते ही दो दिलों के बीच प्रेम पनपने लगता है। आजकल के इस भौतिक जीवन में जहां स्त्री-पुरुषों का

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